Ambala News | अंबाला शहर। गीता जयन्ती के पावन अवसर पर श्री कबीर जन कल्याण सेवाश्रम नगर खेड़ा मोती नगर में श्री राधे श्याम ठाकुर परिवार सेवा समिति अंबाला शहर द्वारा आचार्य सनातन चैतन्य जी महाराज की अध्यक्षता व महंत गुरुमिलन शास्त्री जी महाराज सहारानपुर के मुख्य आतिथ्य में कार्यक्रम का आयोजन किया गयोइस अवसर पर स्कूली बच्चों द्वारा गीता श्लोकोच्चारण व बड़े उम्र के लोगों द्वारा गीता भाषण कार्यक्रम |
गीता श्लोकोच्चारण में सपना चौरसिया, मालता, तनवी पांडे, नानसी चौरसिया, खुशी यादव, रिषभ, सुधान्शु, लक्ष्मी चौहान, रुमा, नीतू यादव ने भाग लिया इसी प्रकार गीता भाषण में श्रीमती सुनीता वर्मा,पं रविन्द्रनाथ तिवारी, संदीप कौर, रूबी शर्मा,भावना गुप्ता, मनोज शर्मा, रामबिहारी मिश्रा, विनोद दास वैष्णव ने भाग लिया। सभी प्रतिभागियों को श्री राजकुमार शर्मा,मोहनी पाली, रविन्द्र नाथ तिवारी, श्री शिवशंकर चौरसिया प्रधान जी द्वारा गीता पुस्तक, कापी पेन स्मृति चिन्ह प्रसाद प्रदान किया गया।
भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को माध्यम बना सारे विश्व को गीता का दिव्य ज्ञान दिया
इस अवसर पर महंत गुरु मिलन शास्त्री जी महाराज सहारनपुर वाले ने कहा की श्रीमद्भगवत गीता सौर्वभौमिक वैश्विक ग्रन्थ है। भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन को माध्यम बना कर सारे विश्व को गीता का दिव्य ज्ञान दिया | गीता अध्ययन पठन पाठन चिंतन सभी उम्र के लोगों को करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति की जड़ बहुत मजबूत है सनातन धर्म के अनेकानेक ग्रन्थ शास्त्र है उन्हीं में से एक प्रस्थानत्रय ग्रन्थ श्रीमद्भगवत गीता शास्त्र है।
नर-नारायण के बीच संवाद है गीता। गीता मननीय व चिन्तनीय है। महापुरुषों के आदर्श ग्रन्थ गीता हैं। आचार्य सनातन चैतन्य जी महाराज ने कहा की प्रस्थानत्रय ग्रन्थ में गीता हैं। गीता का उपदेश भगवान श्री कृष्ण ने आज से लगभग 5161 वर्ष पूर्व कुरुक्षेत्र के महाभारत युद्ध के प्रथम दिन दिया था।
श्रीमद् भगवत गीता कोई सांप्रदायिक ग्रन्थ नहीं है। इसमें कोई कथा कहानी नहीं है अपितु इसमे विशुद्ध ज्ञान समाहित हैं। एक लाख श्लोकों से युक्त महाभारत के भिष्म पर्व के अन्तर्गत अठ्ठारह अध्याय और सात सौ श्लोकों से युक्त श्रीमद्भगवत गीता शास्त्र है। गीता में क्रमश: 6–6-6 अध्यायों मे भगवान कर्म योग,भक्ति योग व ज्ञान योग की चर्चा की हैं।
आचार्य सनातन चैतन्य जी महाराज ने कहा की गीता के विषय में कुछ विशेषता है किसी भी धर्मग्रंथों की जयन्ती नही है केवल गीता जी की जयन्ती होती हैं, सभी धर्मग्रंथ शास्त्र एकान्त शांतिमय वातावरण में बोला या लिखा गया ह पर गीता उपदेश युद्ध भूमि में दिया गया है और सबसे ज्यादा पूरे विश्व मे गीता के ऊपर भाष्य टीका लिखा गया है।
गीता से हमे जीवन जीने की कला मिलती हैं। रमा शास्त्री जी महाराज व कोमल महाराज ने अंत मे आभार व्यक्त कर धन्यवाद ज्ञापन किया |
कार्यक्रम में उषा गोयल,सोमनाथ शर्मा प्रधान शिवमंदिर शिवालिक कालोनी, सुरेन्द्र कुमार शर्मा, प्रेमनाथ मिश्रा, कौशल कुमार, उषा सूद, तारावती गुप्ता, बीना शर्मा, पूजा गर्ग, पूनमशर्मा, इंदूबाला अरोड़ा, रीना पोसवाल, उषाबंसल, किरणबाला अरोड़ा, सुदेश वडेरा, नीलम सैनी, कान्ता कटारिया, हितिका सैनी, कवीता गुप्ता, उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अंत में श्रीमद् भगवत गीता की आरती पश्चात प्रसाद वितरण किया गया।
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