Ambala News : श्री महाकाली मां दुखभंजनी मंदिर में हर्षोल्लास से मनाया श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व

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Ambala News : श्री महाकाली मां दुखभंजनी मंदिर में हर्षोल्लास से मनाया श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर्व
जन्माष्टमी पर विभिन्न वेशभूषा में सजे बच्चे।

Ambala News | अंबाला। श्री सरस्वती सरोवर ट्रस्ट सोसायटी द्वारा संचालित श्री महाकाली मां दुखभंजनी मंदिर, जैन कॉलेज रोड, अंबाला शहर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पावन पर्व पर आयोजित रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम मैं हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पहुंचकर ठाकुर जी के चरणों में हाजिरी लगाई। मंदिर कमेटी की ओर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए कई दिनों से तैयारी चल रही थी।

श्री महाकाली मां दुखभंजनी मंदिर के मुख्य पुजारी श्री पंकज शर्मा विशिष्ठ जी ने बताया कि पिछले 10 वर्षों से मंदिर समिति की ओर से श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जा रहा है और साल दर साल यह कार्यक्रम अपनी भव्यता को प्राप्त कर रहा है।

भक्तों के विशेष आकर्षण के लिए मंदिर में श्री अमरनाथ जी की गुफा जिसमें श्रद्धालु एक लंबी बफीर्ली सुरंग से होते हुए जब भोलेनाथ की गुफा के दर्शन करते हैं तो अनायास ही बम बम भोले के जयकारों से मंदिर प्रांगण गूंज उठता है। इसके अतिरिक्त नंद बाबा द्वारा कान्हा जी को यमुना की लहरों के बीच सकुशल मैया यशोदा की गोद में पहुंचाने का सचिव चित्रण, राम दरबार, मां वैष्णो जी का दरबार, रुक्मणी संग कृष्ण जी का राजमहल तथा बाल सखा और गोपियों संग नन्हे कान्हा की रासलीलाएं, कैलाश पर्वत पर शंकर जी और मां पार्वती और भोलेनाथ के गण,भगवान वामन का पावन स्वरूप तथा मां लक्ष्मी स्वरूप के मंत्र मुग्ध कर देने वाली झांकियां देखने के लिए लोग दो-दो घंटे तक लाइनों में लगकर अपनी बारी का इंतजार करते नजर आए।

मंदिर प्रांगण में ही ठाकुर जी का जन्म उत्सव मनाने के लिए झूले डालकर सुंदर स्वरूप सजाए गए थे। श्री महाकाली मां दुखभंजनी कीर्तन मंडली द्वारा ठाकुर जी के सुंदर भजनों का गुणगान किया गया और अनेक सुंदर झांकियां प्रस्तुत की गई। शाम को 6:00 बजे से शुरू हुआ भक्तों के दर्शनों का सिलसिला रात्रि ठीक 12:00 बजे तक चलता रहा। ठाकुर जी के जन्म से पूर्व पंडित जी ने श्रद्धालुओं को श्री कृष्ण जन्म से जुड़ी कथा का रसपान करवाया|

जब-जब पृथ्वी लोक में पाप कर्मों का बोल बाला होता है तब तब पापीयों का संहार करने के लिए देवगण अवतार लेते हैं और अपनी लीलाओं से इस मृत्यु लोक में भ्रमण करते हुए आदर्श स्थापित करते हैं। ठीक 12:00 नंद में आनंद भयो के गगनचुंबी जयकारों के बीच कान्हा जी का जन्मोत्सव महा आरती के साथ शुरू हुआ और ठाकुर जी को छप्पन भोग व्यंजन भेंट किए गए। सभी श्रद्धालुओं ने महा आरती का प्रसाद चरनामृत और धनिया पंजीरी के साथ व्रत खोलें और ठाकुर जी के जन्म की खुशियां मनाई।

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