
(Ambala News) अंबाला। पंजाबी अध्यापक और भाषा प्रचार प्रसार सोसाइटी हरियाणा, इकाई अम्बाला के प्रधान दर्शन सिंह दर्शी ने जिला शिक्षा अधिकारी सुरेश कुमार का धन्यवाद करते हुए जानकारी देते हुए बताया कि हरियाणा प्रदेश में लम्बे समय से त्रिभाषा सूत्र को लागू करने की मांग को स्वीकार करते हुए स्कूल शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल जी द्वारा हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड में त्रिभाषा सूत्र लागू करने का पत्र जारी किया गया है। इससे विद्यार्थियों व सभी भाषा अध्यापकों में खुशी का माहौल है। इसके अनुसार अब विद्यार्थी 2025-26 सत्र से नौवीं कक्षा में व 2026-27 से नौवीं व दसवीं दोनों कक्षाओं में पंजाबी, संस्कृत व उर्दू विषयों में से किसी एक को तीसरी भाषा के रूप में पढ़ सकेंगे। पंजाबी अध्यापक अते भाषा प्रचार प्रसार सोसाइटी हरियाणा के राज्य प्रधान डॉ. हरजीत गिल ने सरकार के इस निर्णय की सराहना करते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी, शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा, स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा के प्रधान सचिव पंकज अग्रवाल व निदेशक सैकंडरी शिक्षा जितेंद्र कुमार का सभी भाषा अध्यापकों की तरफ से धन्यवाद किया है।
लम्बे समय से त्रिभाषा सूत्र को लागू करने की माँग : प्रधान सचिव पंकज
उन्होंने ने कहा कि उनकी लम्बे समय से त्रिभाषा सूत्र को लागू करने की माँग थी, राज्य कार्यकारणी द्वारा लिए गए निर्णय अनुसार अंतरराष्ट्रीय मातृ भाषा दिवस पर 21 फरवरी को जिला स्तर पर 12 जिलों से हरियाणा प्रदेश के विद्यालयों में आगामी सत्र 2025-26 त्रिभाषा सूत्र को लागू करने सहित अन्य माँगों को लेकर पंजाबी अध्यापकों द्वारा बड़ी संख्या में इकट्ठे हो कर जिला शिक्षा अधिकारीयों के माध्यम से मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार, शिक्षा मंत्री हरियाणा सरकार व प्रधान सचिव स्कूल शिक्षा विभाग हरियाणा के नाम ज्ञापन भी सौंपे गए थे। उन्होंने ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित दिशा निर्देशनुसार त्रिभाषा सूत्र को लागू करने वाला हरियाणा पहला प्रदेश बन गया है। इससे विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का विकास होगा और उनके लिए देश-विदेश में रोजगार के अवसर भी बढेंगे। उन्होंने त्रिभाषा सूत्र को लागू करवाने हेतु सभी संगठनों द्वारा किए गए प्रयासों व दिए गए समर्थन के लिए उन्हें त्रिभाषा सूत्र लागू होने पर बधाई व धन्यवाद दिया।
उन्होंने ने कहा कि भाषा का विकल्प हमेशां भाषा ही होना चाहिए, छठी से आठवीं में भी कौशल व अन्य विषयों को भाषा का विकल्प न बनाकर अलग से ही पढ़ाया जाना जारी रहना चाहिए व हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के साथ-साथ प्रदेश के सभी सी.बी.एस. ई. विद्यलयों में भी नौवीं एवं दसवीं कक्षा में त्रिभाषा सूत्र को लागू करते हुए तीन भाषाओं को अनिवार्य रूप में पढ़ाने के आदेश जारी किए जाएं। इससे इन विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थी भी त्रिभाषा सूत्र फार्मूले का लाभ उठा सकेंगे। सोसाइटी के राज्य महासचिव सुनील गोयल ने सरकार व विभाग के इस फैसले का स्वागत करते हुए हरियाणा सरकार व उच्च अधिकारियों का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि सरकार व विभाग ने त्रिभाषा सूत्र लागू करके विद्यार्थियों व भाषा अध्यापकों को बेशकीमती तोहफा दिया है। उन्होंने कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनके संगठन की अन्य माँगों को भी सरकार शीघ्र पूरा करेगी।
उन्होंने कहा कि सभी विषयों के अध्यापकों के प्रवक्ता पद पर प्रोमोशन किए जा चुके हैं लेकिन पंजाबी अध्यापक लम्बे समय से पदोन्नति का इंतजार कर रहे हैं, उन्हें योग्यता अनुसार शीघ्र पदोन्नति दी जाए और आगामी सत्र से हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड के विद्यालयों में नौवीं से बाहरवीं कक्षा में सी. बी.एस. ई. का पाठ्यक्रम लागू किया जाए क्योंकि यह पाठ्यक्रम सटीक व विद्यार्थियों की रुचि के अनुकूल है व इसकी पुस्तकें भी आसानी से बाज़ार में उपलब्ध हो जाती हैं। इससे पूरे हरियाणा में पंजाबी विषय का एक जैसा पाठ्यक्रम हो जाएगा। सत्र आरम्भ होने से पहले सभी राजकीय विद्यालयों में पंजाबी विषय की पुस्तकें उपलब्ध करवाई जाएं।
सोसाइटी के वरिष्ठ उपप्रधान डॉ. गुरदीप सिंह ने सरकार के फैसले का स्वागत करते हुए माँग की कि पंचकूला, अम्बाला, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, फतेहाबाद, सिरसा, करनाल, कैथल पंजाबी भाषी क्षेत्र हैं। इन जिलों के सभी राजकीय एवं निजी विद्यालयों में पंजाबी अध्यापक व पंजाबी प्रवक्ता का पद अनिवार्य रूप से दिया जाए व आगामी ट्रांसफर ड्राइव में इन जिलों के सभी स्कूल पंजाबी अध्यापकों व प्रवक्ताओं के लिए खोले जाऐं तथा हरियाणा प्रदेश के इन जिलों में बच्चों को तीसरी कक्षा से पंजाबी पढ़ाने का प्रबंध किया जाना चाहिए।
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