Ambala news : अंबाला के सभी स्कूलों को निपुण बनाने की तैयारी, प्रत्येक प्राइमरी स्कूल का हर 30 दिन में एक बार होगा अनिवार्य पर्यवेक्षण

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Ambala news : अंबाला। मौलिक शिक्षा विभाग ने अंबाला के सभी 478 प्राइमरी स्कूलों को निपुण बनाने के लिए कमर कस ली है। इस संबंध में आज जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा की अध्यक्षता में निपुण अंबाला टीम की बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में प्रधानाचार्य, डाइट मोहड़ा रेनू गुप्ता, जिला पर्यवेक्षण टीम के सदस्यों, सभी खण्ड एफएलएन समन्वयकों और एबीआरसी ने भाग लिया।  जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी सुधीर कालड़ा ने इस संबंध में जिला स्तर पर बनाई गई योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अब हर माह जिले के सभी 478 प्राइमरी स्कूलों का पर्यवेक्षण सुनिश्चित किया जाएगा और यदि कोई स्कूल फिर भी पर्यवेक्षण से रह जाता है तो उसकी जिम्मेदारी संकुल मुखिया और एबीआरसी की होगी। जिन स्कूलों के लिए संकुल मुखिया एवं एबीआरसी दोनों के पद खाली हैं

उन स्कूलों की मॉनीटरिंग की जिम्मेदारी संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी अथवा खंड संसाधन समन्वयक की होगी। ऐसे स्कूलों में ये अधिकारी बीआरपी, जिला पर्यवेक्षण टीम के सदस्यों और स्वयं अपने द्वारा पर्यवेक्षण सुनिश्चित करेंगे।  प्रत्येक खंड शिक्षा अधिकारी का यह लक्ष्य होना चाहिए कि हर माह में प्रत्येक स्कूल का कम से कम एक बार आवश्यक रूप से पर्यवेक्षण हो जाना चाहिए।  जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने आगे कहा कि प्रत्येक खंड मुखिया खंड स्तर की निपुण मिथक के दौरान अपने सभी एबीआरसी से यह डाटा भी लेगा कि एबीआरसी को उसके किस किस स्कूल में बीआरपी के मार्गदर्शन की आवश्यकता है और उस आधार पर उस विद्यालय में बीआरपी और एबीआरसी की संयुक्त विजिट के बारे में दिशा-निर्देश जारी करेगा। आवश्यकता होने पर जिला पर्यवेक्षण टीम के सदस्य के साथ भी संयुक्त पर्यवेक्षण किया जाएगा। पर्यवेक्षण रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि कौन सा स्कूल निम्न और कौन सा स्कूल उच्च प्रदर्शन कर रहा है। संकुल मुखिया द्वारा निम्न और उच्च प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की सूची मास के पहले सप्ताह में खंड शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के साथ सांझा की जाएगी।

उच्च प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रशंसा पत्र और निम्न प्रर्दशन करने वालों को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाएंगे। निम्न और उच्च प्रदर्शन करने वाले स्कूलों की सूची बनाने का आधार यह होगा कि अध्यापक द्वारा शिक्षक संदर्शिका का प्रयोग किया जा रहा है अथवा नहीं, बच्चों की अभ्यास पुस्तिका का साप्ताहिक व सावधिक आकलन किया जा रहा है अथवा नहीं, बच्चों के प्रगति  चार्ट को बच्चों की वास्तविक प्रगति के अनुसार भरा गया हैं अथवा नहीं तथा शिक्षकों द्वारा शिक्षण के दौरान विषय संबंधी शिक्षण अधिगम सामग्री और प्रिंट-रिच वातावरण का प्रयोग किया गया है अथवा नहीं। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने बैठक के दौरान उन 32 स्कूलों की सूची भी सभी के साथ साँझा की जिनमे पिछले 30 दिनों किसी भी मेंटर या अधिकारी द्वारा पर्यवेक्षण नहीं किया गया। जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी ने 30 सितम्बर तक इन सभी स्कूलों का पर्यवेक्षण कर इनका मोनिटरिंग डेटा निपुण मोनिटरिंग एप्प पर अपलोड करने के निर्देश दिए।