Ambala News : पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल में कविता उच्चारण प्रतियोगिता आयोजित

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Ambala News : अंबाला। पुलिस डी. ए. वी. पब्लिक स्कूल, अम्बाला शहर में महात्मा आनंद स्वामी स्मृति  अंतरविद्यालय एवं महाविद्यालय   कविता उच्चारण   प्रतियोगिता  का आयोजन किया गया।   इस प्रतियोगिता का आयोजन तीन वर्गों कनिष्ठ वर्ग, वरिष्ठ वर्ग व महाविद्यालय स्तर पर किया गया।  इस कविता प्रतियोगिता  में  कनिष्ठ वर्ग   में  छठी से आठवीँ कक्षा के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया तथा  वरिष्ठ वर्ग   में   नौवीं  से  बारहवीं कक्षा के छात्र-छात्राओं ने भाग लिया और महाविद्यालय स्तर में स्नातक के विद्यार्थियों ने भाग लिया। जिसमें अम्बाला,  कुरुक्षेत्र , कैथल  व   यमुनानगर   से  25  स्कूलों  व  कॉलेज के लगभग  50 प्रतिभागियों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया।  विद्यालय के प्रिंसिपल  डॉ. विकास कोहली  ने कार्यक्रम में पधारे सभी मेहमानों व  बच्चों का स्वागत किया।

उन्होंने कहा कि  डी ए वी कॉलेज प्रबन्धकर्तृ समिति, नई दिल्ली, एवं आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली,  के प्रधान पद्मश्री  ह्लडॉ. पूनम सूरीह्व   के मार्गदर्शन  में     डी. ए. वी.   संस्थाएं वैदिक संस्कृति को पुन: स्थापित करने के लिये इस तरह की प्रतियोगिताएं आयोजित करवाती रहती है। जिनका मुख्य उदेश्य बच्चों को चरित्रवान बनाना है  तथा उनको अपनी संस्कृति और नैतिकता का ज्ञान करवाना है। इस अवसर पर  उन्होंने  महात्मा आनंद स्वामी  के जीवन चरित्र के बारे में बताया  तथा उनके दिशानिदेर्शों पर चलने की सलाह दी। आर्य समाज से प्रभावित होकर   महात्मा आनंद स्वामी ने युवा अवस्था से ही अपना जीवन वैदिक धर्म के प्रचार के लिए समर्पित कर दिया।  ‘

उन्होंने विश्व के विभिन्न देशों में पहुंच कर वैदिक धर्म का प्रसार किया।  महात्मा आनंद स्वामी आज हमारे बीच में भले ही नहीं है, किंतु उनके उपदेश ,उनके प्रवचन पुस्तकों के रूप में निरंतर हम सबके मन  में विराजमान रहेंगे। वह हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत थे।   कार्यक्रम के मुख्यातिथि जे. एस. नैन  ने अपने उदबोधन  में  कहा कि  इस तरह की  प्रतियोगिताओं से बच्चों को  मंच पर आकर आत्म विश्वास के साथ अपनी बात कहने के लिए प्रेरणा मिलती है और इन विषयों के माध्यम से बच्चों को नैतिक मूल्यों और अच्छे संस्कारों की शिक्षा  मिलती है। वैदिक संस्कृति के उत्थान में इस तरह के  कार्यक्रम बहुत उपयोगी सिद्ध होते है  और बच्चों को बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इस प्रतियोगिता में  प्रेमचंद अग्रवाल, शशि धमीजा तथा प्रोफेसर  सुरेश कुमार निर्णायक मंडल के रूप में विराजमान  रहे।