Ambala News : अंबाला। अंबाला छावनी, पीएम श्री केंद्रीय विद्यालय क्रमांक 2 में शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (एनसीएफ) पर एक 15 दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षकों को नए पाठ्यक्रम की समझ प्रदान करना और उन्हें नवीनतम शैक्षणिक तकनीकों से अवगत कराना है। कार्यशाला का उद्घाटन विद्यालय की प्रभारी प्राचार्या ऋचा जैन ने किया। अपने उद्घाटन भाषण में उन्होंने कहा कि यह कार्यशाला शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप आधुनिक शिक्षण पद्धतियों और मूल्यांकन प्रक्रियाओं को समझने और अपनाने में सहायक होगी। कार्यशाला में विषय विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न सत्रों में राष्ट्रीय पाठ्यचर्या के सिद्धांतों और उनकी व्यावहारिक उपयोगिता पर गहन चर्चा की जाएगी।
कार्यशाला के प्रथम दिवस भूगोल की स्नातकोत्तर शिक्षिका बबीता ठाकरान द्वारा “विद्यालय शिक्षा के उद्देश्य एवं पाठ्यक्रम क्षेत्र”, “अधिगम मानक तथा सामग्री” विषयों पर व्याख्यान दिया । बबीता ठाकरान ने कहा कि राष्ट्रीय परिचर्चा रूपरेखा का उद्देश्य विद्यार्थियों को ज्ञान प्रदान करने के साथ-साथ उनमें नैतिकता, वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सामाजिक जिम्मेदारी की भावना विकसित करना है तथा शिक्षा का लक्ष्य है कि हमारे विद्यार्थी जीवन के हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकें, चाहे वह विज्ञान हो, कला हो, संस्कृति हो या तकनीकी क्षेत्र। तत्पश्चात द्वितीय वक्ता संगणक विज्ञान की स्नातकोत्तर शिक्षिका श्वेता रोहिल्ला ने शिक्षणशास्त्र और मूल्यांकन पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुए कहा कि शिक्षा का उद्देश्य केवल जानकारी देना नहीं है, बल्कि विद्यार्थियों में समझ, कौशल, और मूल्य विकसित करना भी है। शिक्षणशास्त्र वह विज्ञान और कला है, जो यह बताती है कि किस प्रकार से एक शिक्षक विद्यार्थियों को सिखा सकता है, उनकी जरूरतों को समझ सकता है, और उन्हें एक अनुकूल वातावरण प्रदान कर सकता है, जहाँ वे सीख सकें। इसमें शिक्षण विधियों, शिक्षण की शैली, और विभिन्न प्रकार के शिक्षण संसाधनों का उपयोग शामिल है। शिक्षक समुदाय ने इस प्रकार की कार्यशालाओं को अत्यंत लाभकारी बताया और कहा कि इससे वे अपने शिक्षण कौशल को उन्नत कर पाएंगे।