Ambala News : मोदी सरकार के 3.0 बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं, जुमला ही हुआ साबित: परविंद्र परी 

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Ambala News : मोदी सरकार के 3.0 बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं, जुमला ही हुआ साबित: परविंद्र परी 
Ambala News : मोदी सरकार के 3.0 बजट में आम आदमी के लिए कुछ नहीं, जुमला ही हुआ साबित: परविंद्र परी 
  • परी ने कांग्रेसी नेेताओं के साथ देखा पूरा बजट, कहा, इनकम टैक्स में 10 लाख तक मिलनी चाहिए थी छूट
  • सरकार ने कफन जैसी आइटमों को भी नहीं किया टैक्स फ्री, हरियाणा के लिए नहीं कोई बड़ी औद्योगिक परियोजना

Ambala News | अंबाला | 3.0 में मोदी सरकार ने अपना वार्षिक बजट जारी कर दिया है लेकिन इसमें आम आदमी को राहत के लिए कुछ नहीं मिला है। कारोबारियों के लिए यह बजट ऊंट के मुंह में जीरा होने जैसा है। हरियाणा प्रदेश में विकास के लिए इस बजट में कुछ भी खास नहीं मिला है। बल्कि केंद्र सरकार ने जो बजट पेश किया है उसमें इनकम टैक्स स्लैब में भी कोई बड़ी राहत नहीं दी गई है जिसके चलते यह कह सकते है कि व्यापारियों व आम आदमी के लिए यह फेल हुआ बजट है। यह बातें हरियाणा चुनाव मेनिफेस्टो कमेटी के सदस्य एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता परविंद्र सिंह परी ने बजट को लेकर अपनी प्रतिक्रिया देखते हुए कही।

परविंद्र परी ने कहा कि इस बार इनकम टैक्स में कम से कम 10 लाख रुपये तक की पूरी छूट अवश्य दी जानी चाहिए थी ताकि कारोबारी ही नहीं बल्कि नौकरीपेशा लोगों को भी कुछ राहत मिल सकें। इसके अलावा 10 लाख से ऊपर की स्लेबों में भी टैक्स की दर काफी कम की जानी चाहिएं थी लेकिन सरकार ने इकंम टैक्स स्लैब में यह छूट नही बढ़ाई। आज महंगाई कहां से कहां पहुंच गई है लेकिन इकंम टैक्स की स्लैब वहीं की वहीं अटकी पड़ी है। अगर केंद्र सरकार हर साल भी इनकम टैक्स की छूट 1 लाख रुपये बढ़ाती तो मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पहले बजट में यह छुट काफी बढ़ जानी थी लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया जिससे व्यापारियों व आमजन को पिछले 10 सालों से बजट में केवल और केवल निराशा ही हाथ लगती है।

परी ने कहा कि कपड़ा, साड़ी जैसी आइटमों पर देश की आजादी के बाद से लेकर लगातार टैक्स की छूट थी लेकिन भाजपा सरकार ने इन आइटमों पर भी जीएसटी लगाने का काम किया। यहां तक की सरकार ने कफन तक को नही छोड़ा और उस पर भी टैक्स लगाया हुआ है। इन आइटमों को लगातार कपड़ा कारोबारी भी जीएसटी से बाहर करने की मांग कर रहे हैं। इस बार के बजट में उम्मीद थी कि इन आइटमों को जीएसटी के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया।

इसके अलावा फर्नीचर जैसी आइटमें जो एक पिता अपनी बेटी की शादी में विदाई के समय दहेज के रूप में देता है जिन पर 18 फीसदी टैक्स हैं, उन्हे घटाकर ज्यादा से ज्यादा 5 फीसदी किया जाना चाहिए था लेकिन इस तरह की आइटमों पर भी एक रुपये की छूट तक नहीं दी गई। परी ने कहा कि इस बजट में हरियाणा के लिए कोई बड़ी औद्योगिक परियोजना की घोषणा नहीं की गई।

सरकार से उम्मीद थी कि हरियाणा के कई जिले आज तक भी काफी पिछड़े हुए है, उन्हें टैक्स फ्री विशेष आर्थिक जोन घोषित करके वहां हजारों बड़े उद्योग लगाए जा सकते थे जिससे बेरोजगाराें को रोजगार मिलता और कारोबार भी बढ़ता। लेकिन बजट में इसके लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। सरकार ने बजट में कोई भी बड़ी घोषणा नहीं की है। व्यापारियों व आमजन के साथ-साथ प्रदेशवासियों को भी इस बजट से केवल निराशा हाथ लगी है और यह बजट एक जुमला ही साबित हुआ है।

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