Ambala News | अंबाला। श्री सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा पंजाब पंजीकृत नई दिल्ली की अंतरंग संस्था श्री सनातन धर्म शिक्षा समिति चंडीगढ़ के तत्वावधान में श्री सनातन धर्म कॉलेज, अंबाला छावनी में एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया क संगोष्ठी का शीर्षक है। सनातन धर्म दर्शन और संस्कृति का वैश्विक स्वरूप इस संगोष्ठी की अध्यक्षता महर्षि वाल्मीकि संस्कृत विश्वविद्यालय, मुंदरी जिला कैथल के कुलपति डॉक्टर रमेश चंद्र भारद्वाज ने की क विशिष्ट अतिथि के रूप में हरियाणा साहित्य एवं संस्कृति अकादमी के निदेशक डॉक्टर चितरंजन दयाल सिंह कौशल उपस्थित हुए क समारोह का शुभारंभ मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित से हुआ।
संगीत विभाग के छात्रों द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई क सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के प्रधान डॉक्टर देशबंधु ने शताब्दी समारोह महोत्सव के अंतर्गत अपने कार्यक्षेत्र में आने वाले सात प्रदेशों के महाविद्यालय एवं विद्यालयों में आयोजित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का विस्तृत वर्णन प्रस्तुत किया। इस अवसर पर अविनाश राय खन्ना, पूर्व सांसद, संरक्षक शिक्षा समिति के संरक्षक ने अपने उद्बोधन में प्रेरित किया कि सभी भावी पीढ़ी को संस्कारवान व कर्तव्यधर्मी बनाएं क सभा के प्रचार मंत्री डॉ नंदकिशोर शर्मा द्वारा संपादित अथ ॐकार: सनातन: शीर्षक पुस्तक का विमोचन किया गया।
इस पुस्तक में अनेक विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के मनीषी विद्वानों द्वारा सनातन धर्म के स्वरूप एवं महत्व आदि पर सारगर्भित आलेख है क कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने मुख्य अतिथि, विशिष्ट अतिथि एवं अन्य गणमान्य अतिथियों का स्वागत किया क डॉक्टर नंदकिशोर शर्मा ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में बीज वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए, संगोष्ठी के उद्देश्य की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की क इस संगोष्ठी में डॉक्टर कमला भारद्वाज ( दिल्ली विश्वविद्यालय) डॉक्टर अरुणा शर्मा ( कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय), डॉक्टर वीरेंद्र कुमार (पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ के संस्कृत विभाग अध्यक्ष) ने अपने सारगर्भित व्याख्यान प्रस्तुत किए।
मुख्य अतिथि डॉक्टर रमेश चंद्र भारद्वाज जी ने अपने वक्तव्य में सनातन धर्म की सर्व समावेशी लोक कल्याणकारी स्वरूप पर प्रकाश डालते हुए रेखांकित किया कि सनातन धर्म आज युद्ध के द्वार पर खड़े विश्व को शांति का संदेश दे सकता है और विश्व के सभी देशों में परस्पर सामंजस्य, सद्भाव और मैत्री भाव को पैदा कर सकता है। विशिष्ट अतिथि डॉक्टर चितरंजन दयाल कौशल ने धर्मांतरण की विकट समस्या का उल्लेख करते हुए सनातन धर्म का आह्वान किया कि हम अपने हिंदू समाज का सही अर्थों में मार्गदर्शन करें क साथ में जो भी हमारे समाज के वंचित, उपेक्षित और पीड़ित हैं, उन सबको उनके भी अधिकार दिलाए ताकि कोई भी लोभ उनको कर्त्तव्य से विमुख न कर सके क इस समारोह में विभिन्न प्रदेशों के 21 लेखकों को सम्मानित किया गया ।
इस संगोष्ठी में पंजाब, हरियाणा, हिमाचल, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, राजस्थान ,दिल्ली, चंडीगढ़ आदि महाविद्यालय एवं विश्वविद्यालय के अनेक प्राचार्य/ प्राध्यापकों के साथ-साथ अनेक शिक्षण संस्थानों और स्थानीय सनातन धर्म सभाओं के प्रतिनिधियों ने भाग लिया क इनमे महामंत्री डॉ. गुरदीप, सुभाष शर्मा, डॉ. आर.सी. शर्मा, डॉ. भारती बंधु, अमर ज्योति शर्मा, शशि शर्मा, रिभु गोस्वामी, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, मीडिया प्रभारी, हरियाणा देवदत्त शर्मा तथा विष्णु दत्त शर्मा प्रमुख थे क समारोह का सफल मंचन डॉ. विजय शर्मा ने किया क प्रतिनिधि सभा के महामंत्री /पंजाब के पूर्व मंत्री उपेंद्र शर्मा ने सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद किया।
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