Ambala News | अंबाला। जिला आयुर्वेद अधिकारी अंबाला डॉ शशिकांत शर्मा के दिशानिर्देशन में बाड़ा में डॉ समिधा शर्मा एमडी आयुर्वेद इंचार्ज आयुष्मान आरोग्य मंदिर बाड़ा अंबाला द्वारा गांव धुराली प्रकृति परीक्षण का शिविर आयोजित किया गया। इस दौरान ग्रामवासियों का मोबाइल एप्प के द्वारा प्रकृत परीक्षण किया गया।
वें आयुर्वेद दिवस (29 अक्टूबर) पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रव्यापी अभियान ‘देश का प्रकृति परीक्षण अभियान’ की शुरूआत की। यह अभियान आयुर्वेद को घर-घर पहुंचाने और भारत में स्वास्थ्य सेवा को समग्र और सुदृढ़ करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। इसका उद्देश्य नागरिकों को उनकी अपनी आयुर्वेदिक प्रकृति (मन-शरीर संरचना) के बारे में जागरूक करना और उनके दैनिक जीवन में समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देना है।
अगर व्यक्ति अपनी प्रकृति के अनुसार जीवनशैली को अपनाए तो सदैव निरोगी रह सकता है : डॉ समिधा शर्मा
आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति की प्रकृति अलग होती है। अगर व्यक्ति अपनी प्रकृति के अनुसार जीवनशैली को अपनाए तो सदैव निरोगी रह सकता है। अभियान का मुख्य लक्ष्य भी यही है कि लोग अपनी प्रकृति को जानें और सुखी एवं निरोगी रहें। आयुष मंत्रालय के नेशनल कमीशन फॉर इंडियन सिस्टम आफ मेडिसिन (एनसीआइएसएम) का यह अभियान न केवल स्वास्थ्य जागरूकता के लिए महत्त्वपूर्ण है, बल्कि भारत को आयुर्वेद की मदद से स्वस्थ और समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल भी है।
इसके पहले चरण में 26 नवंबर से 25 दिसंबर तक एक करोड़ परिवारों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें परीक्षण के’ बाद उस व्यक्ति को प्रकृति के आधार पर सलाह भी दी जा रही है ताकि बीमारियों से बचाव व बेहतर जीवनशैली अफ्नाने के लिए प्रेरित हो सके। इससे न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य को भी बढ़ावा मिलेगा।
आयुष मंत्रालय ने अभियान को व्यापक स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए. 4.70 लाख से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया
यह अभियान आयुर्वेद को हर घर तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा और नागरिकों को उनकी स्वयं की प्रकृति को समझने व व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए लाभकारी उपायों को अपनाने के लिए प्रेरित करेगा। आयुष मंत्रालय ने इस अभियान को व्यापक स्तर पर क्रियान्वित करने के लिए. 4.70 लाख से अधिक स्वयंसेवकों को प्रशिक्षित किया है। इनमें आयुर्वेद के वैद्य-डॉक्टर और शोधकर्ता शामिल हैं। ये स्वयंसेवक घर-घर जाकर नागरिकों का प्रकृति परीक्षण करेंगे।
इसके लिए एक विशेष मोबाइल एप्लीकेशन ‘प्रकृति परीक्षण’ बनाया गया है जिससे लोग अपनी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी साझा कर सकेंगे। इसमें एक क्यूआर कोड स्कैन करने की सुविधा होगी, जिससे व्यक्ति को उनके प्रकृति की जानकारी होगी। कैम्प मे 60 मरीजों को आयुर्वेदिक दवाईयां निशुल्क वितरित की गई । कैम्प में दपिन्द्र कौर योगा सहायक व सोनिया शर्मा योगा इंस्ट्रक्टर ने अपना विशेष योगदान दिया ।