Ambala News : मसखरे रंगमंच ने मुम्बई थियेटर फेस्टिवल में अम्बाला का नाम किया रोशन

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Ambala News : मसखरे रंगमंच ने मुम्बई थियेटर फेस्टिवल में अम्बाला का नाम किया रोशन
Ambala News : मसखरे रंगमंच ने मुम्बई थियेटर फेस्टिवल में अम्बाला का नाम किया रोशन

Ambala News | अंबाला । नटसम्राट के “छठे मुंबई थियेटर फेस्टिवल” में गत सप्ताह को दो नाटकों का मंचन सांय 6:30 और 7:30  बजे मुंबई के क्रिएटिव अड्डा सभागार, वर्सोवा अंधेरी वेस्ट मुंबई में हुआ। पहला नाटक हरिशंकर परसाई की लिखी कहानी पर आधारित था “निठल्ला”, जिसका रूपांतरण किया कुलदीप कुणाल ने और अभिनय के साथ-साथ निर्देशन किया नागेंद्र कुमार शर्मा ने।

यह नाटक एकल प्रस्तुति थी, जिसे दर्शकों द्वारा खूब सराहा गया। यह कहानी एक आदर्श व्यक्ति निठल्ला पर आधारित है जो वह नहीं है जो कोई काम नहीं करता बल्कि वह है जो अपने फायदे के लिए काम नहीं करता। जमाने का चलन है कि दुनिया अब उसी को मानती है जो निःस्वार्थ भाव से दूसरों की भलाई करता है।

यहाँ एक आदर्श है जो दूसरों की निस्वार्थ भलाई करने के लिए अपना जीवन व्यतीत कर देता है लेकिन या तो कोई नहीं चाहता कि वह अपना भला करे या वह चाहकर भी किसी का भला नहीं कर पाता। यह वांछित है कि आप उसे इस निष्कर्ष पर पहुंचा सकें कि कोई भी व्यक्ति दूसरे के लिए अच्छा नहीं कर सकता।

दूसरा नाटक था नपुंसक । जो एक सामाजिक संदेश को दर्शाता है। मंजुल भारद्वाज द्वारा लिखित और नागेंद्र शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक “नपुंसक” ने समाज के हाशिए पर खड़े लोगों की पीड़ा और संघर्ष को प्रस्तुत किया। नागेंद्र शर्मा ने स्वयं मुख्य भूमिका निभाई।

नाटक ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि समाज में सभी को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए

यह नाटक एक ऐसे व्यक्ति की कहानी को दर्शाता है, जो बचपन में अपने परिवार और समाज के प्यार से वंचित रहता है। अनजाने लोगों के बीच जीवन बिताने के दौरान वह कई कड़वे अनुभवों से गुजरता है। बड़े होने पर उसे एक लड़की से प्रेम होता है, लेकिन वह अपनी पहचान और पुरुषत्व साबित नहीं कर पाता।

नाटक में इस किरदार के माध्यम से सामाजिक, धार्मिक, और आर्थिक मुद्दों को उठाया गया और यह संदेश दिया गया कि यदि समाज का प्यार मिले, तो हाशिए पर खड़े लोग भी समाज का अभिन्न हिस्सा बन सकते हैं।

दर्शकों ने “नपुंसक” की प्रस्तुति को भावनात्मक और सामाजिक संदेशों से भरपूर बताया। नागेंद्र शर्मा के अभिनय और निर्देशन की विशेष प्रशंसा की गई। नाटक ने दर्शकों को सोचने पर मजबूर कर दिया कि समाज में सभी को समान अधिकार और सम्मान मिलना चाहिए।

दर्शकों ने दोनों नाटकों के मर्म को समझा और नाटकों को बहुत सराहा। मंच के पीछे श्रृंगार सज्जा में शिवानी व सुकृति, मंच सज्जा में विशाल, शिवम और गर्व व संगीत में शिवानी और रजनीश व वस्त्र सज्जा में आरती ने अपनी अहम भूमिका निभाई। मुम्बई थियेटर फेस्टिवल में श्याम कुमार, श्राबोनी साहा, विशाल, शिवानी, सुकृति, रजनीश, शिवम, गर्व, अनु,आरती मौजूद रहे।

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