Ambala News : साहिबजादों से धर्म के प्रति अडिग, निडर, निर्भय व बुलंद हौंसले की लें शिक्षा : जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध

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साहिबजादों से धर्म के प्रति अडिग, निडर, निर्भय व बुलंद हौंसले की लें शिक्षा : जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध
साहिबजादों से धर्म के प्रति अडिग, निडर, निर्भय व बुलंद हौंसले की लें शिक्षा : जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध
  • गुरुद्वारा पंजोखरा साहिब में शहीदी समागम में हजारों की गिनती में संगत ने नवाया शीश
पंजोखरा साहिब (Ambala News)अंबाला। खालसा पंथ के सृजनहार श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज, माता गुजर कौर, चार साहिबजादों व समूह शहीदों की याद में सफर-ए-शहादत के तहत ऐतिहासिक गुरुद्वारा श्री पंजोखरा साहिब पातशाही ऑठवीं शहीदी समागम करवाया गया। हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध और शिरोमणि अकाली दल (आजाद) के प्रधान एवं धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल के दिशा-निर्देश पर करवाए गए इस समागम में गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथसर दादू साहिब के हजूरी रागी भाई गुरसेवक सिंह रंगीला ने वैरागमयी शबद कीर्तन किया, जबकि भाई सुखविंदर सिंह स्वतंत्र और भाई सुखचैन सिंह शीतल के जत्थे ने ढाडी वारों से संगत को गुरु इतिहास से जोड़ा।

बच्चों को साहिबजादों का इतिहास सुनाए संगत : सुदर्शन सिंह सहगल

समागम में श्री अकाली तखत साहिब के पूर्व जत्थेदार एवं तखत साहिब पंथक अकाली लहर के प्रधान सिंघ साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह, यूएसए सक चरण सिंह प्रेमपुरा, गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब न्यूयॉर्क यूएसए से बिशन सिंह जनसूआ, दमदमी टकसाल से भाई मोहकम सिंह, अकाली दल स्वतंत्र के प्रधान परमजीत सिंह सहोली, हरियाणा कमेटी के वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल, व दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के पंजाब धर्म प्रचार प्रभारी मनजीत सिंह भोमा और पदम्श्री जगजीत सिंह दर्दी ने संगत को संबोधित किया।

सिखी संभाल व धर्म के प्रति अडिग रहने की अद्वितीय मिसाल पेश की साहिबजादों ने: जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल

हरियाणा सिख गुरुद्वारा मैनेजमैंट कमेटी के प्रधान जत्थेदार भूपिंदर सिंह असंध ने कहा कि दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी व उनके परिवार का हौंसला अडिग रहा। शहीदी देने से न कतराते हुए उन्होंने मानव जाति के समक्ष हर कठिनाई में बुलंद हौसले की अद्वितीय मिसाल पेश की। जत्थेदार असंध ने संगत से गुरु साहिब की तरह हर कठिनाई में अपना हौंसला बुलंद रखने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि साहिबजादें धर्म-कौम के प्रति अडिग और निडर, निर्भय व अदमय साहस की मूर्त हैं। उन्होंने कहा कि हमें साहिबजादों से धर्म के प्रति अडिग, निडर, निर्भय व बुलंद हौंसले की शिक्षा लेनी चाहिए।
शिरोमणि अकाली दल (बादल) के प्रधान एवं हरियाणा कमेटी के धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल ने कहा कि साहिबजादें धर्म-कौम के प्रति अडिग और निडर, निर्भय व अदमय साहस की मूर्त हैं। अपने अदमय साहस और धर्म के प्रति परिपकवता आज दुनिया के लिए मिसाल है।
साहिबाजदों से हम सब को सिखी को संभालने एवं अपने धर्म के प्रति अडिग रहने की सीख मिलती है, जिसे जीवन में आत्मसात करना चाहिए। जत्थेदार दादूवाल ने सरबंसदानी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज द्वारा, माता गुजर कौर व साहिबजादों की शहीदी का इतिहास संगत से सांझा किया। उन्होंने कहा कि दशमेश पिता जी ने अत्याचार के खिलाफ, देश व कौम की रक्षा करने के लिए अपना सारा परिवार कुर्बान कर दिया। हमें गुरु साहिब, माता गुजर कौर व साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को भी ऐसी परवरिश देनी चाहिए।
वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल ने साहिबजादों व अन्य शहीदों को नमन करते हुए संगत से अपने बच्चों को सिखी, गुरबाणी व गुरु इतिहास से जोडऩे का आह्वान किया। इसके लिए सबसे सरल मार्ग घर में नितनेम का माहौल बनाने के साथ-साथ बच्चों को साहिबजादों का इतिहास सुनाना है।
उन्होंने कहा कि शहीदों के प्रति सच्ची श्रद्धा साहिबजादों के जीवन से प्रेरणा लेना है। संगत को स्वयं भी साहिबजादों से प्रेरणा लेकर अपने बच्चों को नितनेम व गुरमत से जोडऩे के साथ-साथ धर्म के प्रति अडिग बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस तरह साहिबजादों ने छोटी सी उम्र में भी अपने धर्म व कौम के प्रति समर्पण दिखाते हुए निडरता का परिचय दिया है, उसका आज तक कोई सानी नहीं है।
इससे पहले धर्म प्रचार चेयरमैन जत्थेदार बलजीत सिंह दादूवाल, वरिष्ठ उपप्रधान सुदर्शन सिंह सहगल, कार्यकारिणी समिति मैंबर तरविंदरपाल सिंह, मैंबर हरपाल सिंह कंबोज, इंदरजीत सिंह वासूदेवा, रजिंदर सिंह, कैप्टन दिलबाग सिंह, काबल सिंह कैथल, धर्म प्रचार सचिव सरबजीत सिंह जम्मू, एडिशनल सैकेटरी राजपाल सिंह दुनियामाजरा, कुलदीप सिंह भानोखेड़ी, उपसचिव अमरिंदर सिंह, मैनेजर हरमीत सिंह, जगमीत सिंह बराड़, चरणजीत सिंह टककर, श्री गुरु हरगोबिंद साहिब सेवा सोसायटी अंबाला शहर के प्रधान मनजीत सिंह, महिंदर सिंह, रणजीत सिंह बेदी, मोहन सिंह तोखड़ा, जगमोहन सिंह, जगजीत सिंह, भूपिंदर सिंह व इंदरपाल सिंह, तरणदीप सिंह सेठी, तजिंदर सिंह संधू, चरणजीत सिंह करनाल, मैनेजर प्रितपाल सिंह, हैड ग्रंथी सतनाम सिंह, रजिंदर सिंह ओबराय, रविंदर सिंह सोनू, सतिंदरपाल सिंह, अवनीत सिंह, सन्नी, हरभजन सिंह, अमरजीत सिंह रोजी, भूपिंदर सिंह चढढा, जगदीप सिंह, मनप्रीत सिंह गोल्डी, विक्रम सिंह, धर्म प्रचार प्रभारी गुरपेज सिंह, सुपरवाईजर वजिंदर सिंह, आईटी विंग प्रभारी हरकीरत सिंह, धर्म प्रचार से कुलदीप सिंह समेत हजारों की गिनती में पहुंची संगत ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी महाराज के समक्ष हाजिरी लगाई।

श्री गुरु हरकृष्ण साहिब खालसा कॉलेज के विद्यार्थियों ने पेश की कविता

पंजोखरा साहिब में हरियाणा कमेटी के अधीन चल रहे श्री गुरु हरकृष्ण साहिब खालसा कालेज की संगीत टीचर डा. गुरसिमरन कौर की अगुवाई में विद्यार्थी जसनप्रीत सिंह, अमृतप्रीत कौर, रबदीप सिंह, कनिका ने कविता के माध्यम से दशमेश पिता श्री गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज व साहिबजादों को नमन किया। कॉलेज की इस टीम ने दस ओये सिखों होर की मंगदे, मैं ते जोड़ा-जोड़ा वार गया… कविता जब पेश की, तो संगत वारविभोर हो उठी। टीम की पीठ थपथपाते हुए धर्म प्रचार सचिव सरबजीत सिंह जम्मू ने संस्था के शिक्षण संस्थाओं के विद्यार्थियों की उपलबिधयां भी संगत से सांझी की।

भाई गुरसेवक सिंह रंगीला की दर्दभरी आवाज में रचनाएं सुन संगत की आंखें हुई नम 

गुरुद्वारा श्री गुरु ग्रंथसर दादू साहिब के हजूरी रागी भाई गुरसेवक सिंह रंगीला ने जब गुरु साहिब, उनके साहिबजादों और माता गुजर कौर को नमन करते हुए अपनी दर्दभरी आवाज में रचनाएं सुनाई, तो दीवान में मौजूद संगत एकाग्रता सुनने को विवश हो गई। यही नहीं, भाई गुरसेवक सिंह रंगीला की दर्द भरी आवाज की रचनाएं सुन कर संगत की नेत्र भी नम हो गए। भाई रंगीला ने संगते नीं मेरा नां गुजरी, मैं गोबिंद सिंह दी मां गुजरी, मैं गुजर गुजर के गुजरी आं, संगतें नी मेरा नां गुजरी… और चमकौर वाली गढ़ी हौके नाल पुकारदी, कफन तो वांजी लाश अजीत ते जुझार दी… कविता के माध्यम से सभी को भावविभोर कर दिया।