Ambala News : गृहस्थाश्रम भक्ति में बाधक नहीं साधक है : भाई प्रेम सागर “पथिक”

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Ambala News : गृहस्थाश्रम भक्ति में बाधक नहीं साधक है : भाई प्रेम सागर "पथिक"
Ambala News : गृहस्थाश्रम भक्ति में बाधक नहीं साधक है : भाई प्रेम सागर "पथिक"

Ambala News | अंबाला। गाँव बोह मैं चल रही श्री मद भागवत कथा के तीसरे दिन ललिता शर्मा अरुण शर्मा मुख्य ज़ज्मान रहे और इनके द्वारा पूजा के उपरांत कथा आरंभ हुई कथा व्यास भाई प्रेम सागर “पथिक” द्वारा सुनाई जा रही कथा और सुन्दर भजनों ने सारे गाँव को श्रीकृष्णमय बना दिया है।

आज के सत्रा को आरम्भ करते हुए भाई प्रेम सागर “पथिक” ने कहा कि जीव के दुःख का कारण उसका अपना स्वभाव है। स्वभाव को सुधारना बड़ा टेड़ा काम है।

परमात्मा के ध्यान से और जप करने से स्वभाव सुधरता है। उन्होंने कहा कि जीव का उच्चार नाम-जप और नामस्मरण से होता है। भगवान् ने चन्द लोगों का उद्धार किया है परन्तु उनके नाम ने तो असंख्य लोगों को भवसागर से पार उतार दिया है। जीव माया के जाल में फंसे अजामिल का भी नाम स्मरण से ही बेड़ा पार हुआ है।

पथिक जी का भी नाम स्मरण से ही बेड़ा पार हुआ है। पथिक जी ने कहा कि अपनी संतान को सांस्कारिक बनाना हमारा परम कर्तव्य है। गर्भधारिणी स्त्री को सद्ग्रन्थ पढ़ने चाहिए और सतत् प्रभु-भजन करते रहना चाहिए।

कयाधू ने सत्संग किया और प्रभु का गुणगान सुना तभी तो उसकी कौरव से भक्त प्रहलाद का जन्म हुआ और अपनी इक्कीस पीढ़ियों का उद्धार कर दिया। भाई प्रेम सागर जी ने कहा कि ईश्वर सर्वत्र है, जगत कण-2 में समाया हुआ है मगर कोई सच्चा गुरू ही उसके दर्शन करवा सकता है।

उन्होंने कहा कि आज उसके दर्शन करवा सकता है। उन्होंने कहा कि आज गुरू-शिष्य परम्परा दिखावा मात्र रह गयी है। गुरूओं में शिष्य संख्या बढ़ाने की होड़ लगी हुई है। तभी गुरूओं की बात का असर कम हो रहा है। गुरू भगवान की रूप है और सदा पूजनीय है। गुरू और शिष्य दोनों को मर्यादित होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जीव को जो भी मिला है वे उसी भगवान् का दिया हुआ है अतः जो भी चीज ग्रहण करो उसे पहले परमात्मा को समर्पित करो। ऐसा करने पर मन में कभी भी मद-अभिमान नहीं आएगा। भोजन को अगर प्रभु को समर्पित करोगे तो वही भोजन प्रभु का प्रसाद बन जाएगा जिससे मन सात्विक बन जाएगा और मन में प्रभु भक्ति का बीज अंकुरित होगा।

पथिक जी ने कहा कि बलि जीवात्मा है और वामन ब्रह्मचर्य को रक्षा करता है उसे कोई नहीं मार सकता। वामन भगवान ने उसे नहीं मारा क्योंकि वो गुरू सेवक है, सदाचारी है। उन्होंने कहा कि शरीर नैया है, प्रभु के चरण सींग हैं।

इस शरीर को सींगों से बांधोगे तभी कल्याण होगा।इस अवसर पर अनिल मेहता कार्तिक शर्मा खुशी शर्मा उर्वशी शर्मा राजिंदर कुमार एएस सी मेहता सुरिन्दर बक्शी किरण मेहता साक्षी शर्मा सुमन शर्मा ललिता दीक्षा बक्शी कमलेश विजय कुमारी पूनम शर्मा मास्टर सुभाष शर्मा वा अन्य लोग उपस्थित थे |

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