- 10 साल के सरकार के बावजूद आज भी अम्बाला शहर का हर प्रोजेक्ट अधूरा पड़ा है : निर्मल सिंह
Ambala News | अम्बाला शहर | आज अम्बाला शहर के अनेको गांवो में हरियाणा मांगे हिसाब के तहत कई गांवों का दौरा करते हुए निर्मल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार की मंशा पहले दिन से ही बॉर्डर खुलवाने को लेकर ठीक नहीं थी।भाजपा सरकार न तो किसानों की व्यथा सुनने को तैयार है और न ही व्यापारी वर्ग की। अगर किसान अपनी माँगो को लेकर दिल्ली जाना चाहता है तो सरकार को क्या एतराज है।
शंभू बॉर्डर बंद होने से अम्बाला का व्यापारी व कर्मचारी हर वर्ग दुखी है।भाजपा सरकार की अगर मंशा सही नही है अगर मंशा सही होती तो हाईकोर्ट व सुप्रीमकोर्ट ने शंभू बॉर्डर खोलने के आदेश दिए थे तो भाजपा सरकार को बॉर्डर खोल देना चाहिए था परंतु सरकार की मंशा सही ना होने के चलते सरकार आज माननीय कोर्ट के फैसले को भी मानने को तैयार नही है।अगर बॉर्डर खुल जाता है तो अम्बाला की कपड़ा मार्किट,मनियारी मार्किट,मिक्सी उद्योग इनसे जुड़े हुए कर्मचारी व रेहड़ी रिक्शा वालो को भी रोजगार मिलता।
इस अवसर पर कार्येकर्ताओं को संबोधित करते हुए हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता निर्मल सिंह ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार से व्यापारियों और किसानों की मांगों का पर तुरंत समाधान करना चाहिए। निर्मल सिंह ने कहा कि देश व प्रदेश के किसान अपनी मांगों को लेकर शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे थे लेकिन हरियाणा की सरकार ने केंद्र इशारे पर शम्भू बोर्डर को बैरीकेड व कीले लगाकर बंद कर दिया। जिसके कारण किसान पिछले पांच महीने से कड़कड़ाती सर्दी व गर्मी और बरसात में सड़कों पर कष्ट सह रहे है।
वही सरकार की तानाशाही सोच के कारण हरियाणा-पंजाब की सीमा सील होने से अम्बाला के व्यापारियों का भी कारोबार बंद पड़ा है। जहां सरकार के अत्याचार के चलते कई किसान शहीद हो चुके है वही भाजपा सरकार के अड़ियल रवैये से व्यापारियों का लाखो करोड़ो रुपये का नुकसान हुआ है और उसके साथ ही कई कर्मचारियों को काम ना होने के चलते अपनी नोकरिया तक गवानी पड़ी।
उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में पंजाब के व्यापारी और अनेको लोग अपने बच्चो की शादियों व अन्य समारोह की खरीदारी के लिए अम्बाला में कारोबार व खरीदारी के लिये आते थे लेकिन रास्ता बंद होने से सभी कारोबारियो के व्यापार ठप हो चुके है। अम्बाला का विश्व प्रसिद्ध कपड़ा मार्किट, मनियारी मार्किट, मिक्सी उद्योग, साइंस उद्योग, ट्रक मार्किट, सराफा बाजार, सब्जी मंडी, गुड़ मंडी, कोतवाली बाजार, पटेल रोड,अनाज मंडी मार्किट सहित सभी छोटे बड़े व्यापारियों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है।
व्यापारी वर्ग पहले ही भारी भरकम, जीएसटी, नोटबन्दी, कोरोना, बाढ़ जैसे हालातों के कारण बर्बादी के कगार पर है सरकार की और से बाढ़ के मुआवजे के नाम पर भी व्यापारी व किसान वर्ग को अभी तक कोई मुआवजा नही दिया गया। अब इस मार्ग बंद की समस्या से व्यापार बिल्कुल तहस नहस हो चुका है।
निर्मल सिंह ने कहा कि आज अम्बाला शहर की आस्था का केंद्र नोरंगराय तालाब पिछले 10 वर्षों से अधूरे निर्माण व घोटाले की भेंट चढ़ा हुआ है। नोरंगराय तालाब की लागत 3 कऱोड से बढ़कर 33 कऱोड तक पहुँच गयी परंतु भ्रस्टाचार के चलते इसका निर्माण पूरा नही हो पाया इसी प्रकार पिछले 10 वर्षों से महावीर पार्क का निर्माण कार्य पूरा ना होने के कारण बंद पड़ा है और इसमे करोड़ो रूपये का भ्रष्टाचार हो चुका है और तो और आज अम्बाला शहर में विकास ना करवाकर सिर्फ और सिर्फ चौक बनाने पर जोर दिया जा रहा है हर चौक की लागत करोड़ो में लग गयी जबकि वह चौक की असल कीमत 2 से 3 लाख रुपये तक की है।
अम्बाला शहर नगर निगम द्वारा बनाये गए चौको की ऊंचस्तरीय जाँच कराई जानी चाहिए क्योंकि नगर निगम द्वारा विकास के नाम पर बनाये गए सभी चौको और चोराहो का ठेका एक व्यक्ति विशेष कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया गया है जैसे जगाधरी गेट, पुलिस लाइन, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, आर्ये चौक, शहीद उदम सिंह चौक, महर्षि वाल्मीकि चौक,बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर चौक,जैन स्कूल चौक इत्यादि। इन सभी चौकों की कीमत परस्क्वायर रेट लगभग एक लाख रूपये से भी अधिक बनता है जो बात आज किसी भी आम नागरिक को हजम नहीं हो रही ऐसा लगता है कि यह सारा घोटाला राजनितिक संरक्षण में हुआ है।
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