Ambala News: अंबाला। सहायक कृषि अभियंता सुभाष चन्द्र ने कहा कि भूमि की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखने के लिए फसल अवशेषों का प्रबन्धन करना होगा। इस सीजन में सभी किसानों को फसल अवशेषों को आग न लगाने का प्रण भी लेना होगा। इतना ही किसान फसल अवशेष का प्रबन्धन करने के लिए आनलाईन पोर्टल के माध्यम से 30 नवम्बर 2024 तक आवेदन कर सकते है। उन्होंने आज यहां जारी प्रैस विज्ञप्ति में कहा कि अंबाला जिला में आगजनी की घटनाओ को रोकने के लिए कर्मचारियों द्वारा किसानों को जागरूक करने के निरंतर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा हैं।
इन कार्यक्रमों के माध्यमों से किसानों को जानकारी दी जा रही हैं कि धान की कटाई के बाद पराली में आग लगाने के कई नुकसान हैं। आग लगाने से मिट्टी की जैविक शक्ति प्रभावित होती है व मिट्टी में मौजूद कई उपयोगी मित्र कीट नष्ट हो जाते हैं। पराली को जलाने की बजाय इसका प्रबंध दो प्रकार से कर सकते हैं । पहला है ईन सीटू प्रबंधन जिसमें फ सल के अवशेषों को खेत कि मिट्टी मे ही मिलाया जाता है और दूसरा है एक्स सीटू प्रबंधन जिसमे अवशेषों कि गाँठे बनाकर खेत के बाहर उनका प्रबंध किया जाता है। इस प्रकार पराली का सही उपयोग होने से पर्यावरण पर पराली जलाने से होने वाले दुष्परिणामों से भी बचा जा सकता है।
किसानों से कार्यालय द्वारा आह्वान किया गया है कि भविष्य में फ सलों के अवशेष को न जलाए ताकि भूमि की उर्वरा शक्ति को बरकरार रखा जा सके तथा वातावरण को दूषित होने से बचाया जा सके। अगर कोई किसान पराली के अवशेषों को आग लगाते हुये पाया जाता है तो उस पर जुमार्ने सहित उचित कानूनी कार्यवाही की जा सकती है ।
Chandigarh News: डेराबस्सी डीएसपी बिक्रम सिंह बराड़ की अगुवाई में थाना लालडू में शिकायत निवारण…
Chandigarh News: चंडीगढ़ आज समाज चंडीगढ़ ग्रामीण सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते…
Chandigarh News: स्थानीय लोहगढ़ गांव में 2 महीने पहले इंटरलॉक टाइल लगाकर एक सड़क बनाई…
Chandigarh News: महिला एवं बाल विकास मंत्रालय और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) की पहल के…
Chandigarh News: शनिवार सुबह-सुबह एक कार जीरकपुर के के-एरिया लाइट प्वाइंट पर डिवाइडर से टकरा…
Chandigarh News: चंडीगढ़ के धनास के पास सारंगपुर में भीषण आग लगने का मामला सामने…