• अनशन ‘काम’ ना होने के लिए है या ‘ससपेंशन’ ना होने के लिए? :-चित्रा सरवारा
  • विद्यायक का ‘काम’ पैसे लाना ही नहीं जनता की कमाई की निगरानी करना भी-: चित्रा सरवारा

Ambala News | अम्बाला छावनी | मंत्री अनिल विज के अपनी ही सरकार के खिलाफ दिए बयान पर सियासी बवाल हो गया। अंबाला छावनी विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी रही चित्रा सरवारा ने उनके बयान पर खूब चुटकी ली। उन्होंने कहा कि मंत्री विज ने अपनी विफलता स्वीकार कर ली है।

यह सच सामने आ गया है कि अब राज्य सरकार में उनकी कोई स्तिथि सशक्त नहीं है। अगर 7 बार का विधायक और मंत्री होने के बाद उन्हें ये विफलता और असहायता का आभास हो रहा है तो उन्हें अनशन नहीं तुरंत मंत्री मंडल से इस्तीफा दे देना चाहिए क्यूंकि ऐसी स्थिति में मंत्रीपद का कोई औचित्य नहीं रहता।

चित्रा ने कहा कि अपने इस बयान से अनिल विज ने अपनी विफलता के साथ-साथ अपनी राज्य सरकार को भी फेल होने का सर्टिफिकेट दे दिया है। जब एक मंत्री को अपने काम करवाने के लिए आमरण अनशन की धमकी देनी पड़े तो सोच सकते हैं कि ऐसी स्थिति में आम व्यक्ति का क्या हाल हो रहा होगा।

विज को सड़क पर उतरकर आमरण अनशन की धमकी देना हैरानी की बात : चित्रा सरवारा

उन्होंने कहा कि अंबाला छावनी की जनता ने उन्हें सशक्त करने के लिए सात बार विधायक की कुर्सी पर बिठाया। इसके बाद पार्टी ने उन्हें मंत्री की कुर्सी पर बिठाया। उन्होंने कहा कि ऐसे में विज को सड़क पर उतरकर आमरण अनशन की धमकी देना हैरानी की बात है I

चित्रा ने कहा कि जब विकास के लिए सरकार ने करोड़ों रुपये का बजट मंजूर किया तब अनिल विज जी ने छाती ठोक कर कहा था कि मेरा हर काम की फ़ाइल थ्री नोट थ्री की गोली से भी तेज होती है। आज फिर अनिल विज मुड़कर कर सारी विफलता अफसरशाही पर क्यों मढ रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जनता में अब ये आवाज उठ रही है कि ये अनशन काम ना होने की वज़ह से नहीं, अपने दरबारों में अफसर सस्पेंड नहीं कर पाने के लिए हो रहे है। उन्होंने कहा कि जनता दरबार व जिला कष्ट निवारण समिति की मीटिंग में वैसे भी मुश्किलों का निवारण कम और अफसरों का अपमान ज्यादा होता था।

साथ बता दें कि मंत्री अनिल विज ने कुछ समय पहले ही प्रदेश के डीजीपी शत्रुजीत कपूर को फोन कर एसएचओ अंबाला कैंट को सस्पेंड करने की बात कही थी। राज्य सरकार के गृह मंत्रालय ने उनकी इस मांग को नामंजूर कर दिया है। खुद मंत्री विज ने सार्वजनिक तौर पर यह बात कही है। इसी बात से नाराज होकर विज ने वीरवार को अपनी ही सरकार के खिलाफ बड़ा बयान दिया।

चित्रा ने कहा कि हमने कई बार बतौर विपक्ष अम्बाला छावनी के सालों से अधर में लटके करोड़ों रुपये के प्रोजेक्ट पर सवाल किए और अम्बाला के हर प्रोजेक्ट में चल रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। अनिल विज जी ने तब एक ना सुनी ना देखी। क्यों यहां का हर बजट तीन गुणा समय सीमा व बजट को लांघकर आगे जा चुका है उन्होंने कहा कि अब मंत्री जी कौन से काम की दुहाई दे रहे हैं?

अनिल विज को अम्बाला छावनी के विकास के लिए आया करोड़ों का बजट किसने खाया उसको लेकर आमरण अनशन करना चाहिए। उन्होंने अनिल विज को नसीहत देते हुए कहा कि नया पैसा लाने व सस्पेंड की लड़ाई लड़ने की बजाय उन्होंने जनता के अधिकार की बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अनशन काम के लिए होना चाहिए न की सस्पेंशन के लिए। चित्रा ने कहा कि एक विधायक का काम पैसा लाना ही नहीं बल्कि उसकी निगरानी करना भी होता है।

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