Ambala News | अंबाला। विश्व शांति दिवस के उपलक्ष में ब्रह्मा कुमारीज दयालबाग सेवा केंद्र की तरफ से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। समाज में जहां चारों तरफ विज्ञान नई नई टेक्नोलॉजी के माध्यम से जीवन को सरल व आरामदेह बना रहा है फिर भी मानव असंतुष्टता परेशानी, चिंता, भय में जी रहा है।
हर धर्म, हर मजहब का एक ही लक्ष्य है ‘शांति’। परमपिता परमात्मा ने हम सबको सत्य ज्ञान दिया कि यह मानव शरीर पांच तत्वों का बना है इसको चलाने वाली चैतन्य शक्ति आत्मा है। आत्मा का निजी स्वभाव शांति है।
जब हम स्वयं के इस सत्य परिचय को स्मृति में लाते हैं तभी सच्ची शांति का अनुभव कर सकते हैं- उक्त विचार ब्रह्माकुमारी राजयोगिनी शैली दीदी ने शांति को परिभाषित करते हुए कहा – जहां संतुष्टता है, प्रेम है, धीरज है, मधुरता है, निर्धरता है – वही सच्ची शांति है।
शांति का अर्थ यह नहीं की चुप होकर बैठ जाए परंतु शांति वह जहां सर्वगुणों का अनुभव हो, जो शांति की शक्ति हमें सत्य मार्ग पर चलने की हिम्मत देती है।
राजयोग मेडिटेशन के अभ्यास से यह सकारात्मक विचार मन को गहन शांति से भर देती है। राजयोगिनी आशा दीदी ने आह्वान किया अब अपने जीवन में तथा समाज मे शांति लाने के लिए कुछ समय एकांत में बैठ मन को राजयोग के अभ्यास से शांत, स्थिर और सकारात्मक बनाना है।
अंत में सभी बीके भाई बहनों ने प्रकृति, पशु – पंछी व विश्व की हर मनुष्य आत्मा के लिए संगठित रूप से राजयोग मेडिटेशन किया। साथ ही वातावरण की शुद्धि के लिए ओम ध्वनि का उच्चारण भी किया।
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