Ambala News : मुरलीधर डीएवी स्कूल में भजन गायन प्रतियोगिता आयोजित

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Ambala News : मुरलीधर डीएवी स्कूल में भजन गायन प्रतियोगिता आयोजित
विजेताओं को सम्मानित करते हुए

Ambala News | अंबाला। मुरलीधर डीएवी पब्लिक स्कूल में ऋषि उत्सव की श्रृंखला के अंतर्गत महात्मा आनंद स्वामी की स्मृति में वैदिक भजन गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्री जेएस नैन व राजकीय विद्यालय से सेवानिवृत हुए श्री श्याम सुंदर जी उपस्थित रहे।

प्रतियोगिता के निर्णायक प्रसिद्ध भजन गायक श्री सुशील शर्मा जी और सेंट विद्या मंदिर की संगीत विभाग की अध्यापिका श्रीमती मंजू अरोड़ा जी ने अपनी भूमिका निभाई। आर्य युवा समाज के तत्वावधान में आयोजित इस प्रतियोगिता में न केवल अंबाला के बल्कि बड़ा कैथल पहेवा इत्यादि जगह से कल 13 विद्यालयों भाग लिया।

विद्यार्थियों ने मधुर भजनों के माध्यम से अपनी ईश भक्ति और वैदिक परंपरा के प्रति सम्मान को प्रस्तुत किया। उनकी सधी हुई वाणी और लयबद्ध गायन में उनके परिश्रम और शिक्षकों के मार्गदर्शन की झलक स्पष्ट नजर आई। प्रधानाचार्य राधा रमन ने अपने उद्बोधन में कहा, “वैदिक भजन न केवल हमारे आध्यात्मिक विकास का मार्ग प्रशस्त करते हैं, बल्कि विद्यार्थियों में अनुशासन, भक्ति और संस्कारों का विकास भी करते हैं।

महात्मा आनंद स्वामी जैसे ऋषियों के आदर्श हमारे जीवन को सद्गुणों से परिपूर्ण करते हैं।” उन्होंने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और विजेताओं को बधाई दी। इस प्रतियोगिता में सोहनलाल कन्या विद्यालय ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। मुरलीधर डीएवी पब्लिक स्कूल अंबाला शहर और ओ. एस डीएवी, कैथल संयुक्त रूप से द्वितीय स्थान पर रहे। पुलिस डीएवी पब्लिक स्कूल, अंबाला शहर ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सांत्वना पुरस्कार के.पी.ए.के. महाविद्यालय और डीएवी पब्लिक स्कूल, पहेवा को संयुक्त रूप से दिया गया।

आर्य युवा समाज की पहल

आर्य युवा समाज की संचालिका गौरी वंदना और राधिका ने बताया कि आर्य समाज डीएवी मार्ग के मार्गदर्शन में पिछले 30 वर्षों से अंबाला के सभी डीएवी विद्यालयों में वैदिक संस्कारों से जुड़ी विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं। इनमें वैदिक भजन गायन के साथ-साथ महापुरुषों के चित्र बनाओ प्रतियोगिता, सत्यार्थ प्रकाश के समुल्लासों की व्याख्या प्रतियोगिता, आर्य समाज के नियमों की व्याख्या, वैदिक प्रश्नोत्तरी, हवन यज्ञ आदि प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

मुख्यातिथि जेएस नैन ने विद्यार्थियों को महात्मा हंसराज के जीवन और उनके त्याग एवं तप के महत्व को समझाया। उन्होंने विद्यार्थियों को जीवन में सद्गुणों और सेवा भावना को अपनाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम का समापन सभी अतिथियों को शॉल भेंट कर सम्मानित करने के साथ हुआ। मंच संचालन करते हुए विद्यार्थियों ने भक्ति रस से ओत-प्रोत रचनाओं का प्रस्तुतिकरण किया। यह आयोजन विद्यार्थियों को वैदिक परंपराओं से जोड़ने और उनमें आध्यात्मिक चेतना जागृत करने के उद्देश्य को सफलतापूर्वक पूरा कर गया।

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