Ambala News | अंबाला। भारत ऋषि-मुनियों की धरती रही है। इस धरती पर कई महान गुरु व संत हुए हैं। सिखों के प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव साहिब जी महाराज के ज्येष्ठ सुपुत्र बाबा श्रीचंद जी बचपन से ही विश्व भ्रमण करने के लिए घर से निकल पड़े। बाबा जी के जन्म के समय ही से उनके शरीर पर धूनी की राख लगी हुई थी व एक कान में मांस की मुंदरा थी। बाबा श्रीचंद जी को भगवान शिव का अवतार भी माना जाता है।
बराड़ा के इसी डेरे वाले स्थान पर वे कई दिनों तक ठहरे थे जिस कारण संत बाबा दलजीत सिंह ने इसे डेरे का रूप दिया और अब वे यहां बाबा श्रीचंद जी महाराज की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं।
डेरा बाबा दलजीत सिंह नजदीक नया बस स्टैंड बराड़ा में गुरूनानक देव जी महाराज के सुपुत्र शिव स्वरूप बाबा श्रीचंद महाराज का जन्मदिवस 13 सितम्बर से 15 सितम्बर तक बड़ी श्रद्धापूर्वक मनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि समारोह को धूमधाम से मनाने के लिए तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। समारोह की विस्तृत जानकारी देते हुए डेरे के प्रवक्ता अशोक खरबंदा ने बताया कि 13 सितम्बर शुक्रवार को प्रात: 8 बजे श्रीअखंड पाठ शुरू होगा। जिसका भोग 15 सितम्बर को प्रात: 8 बजे पड़ेगा और 8 से 9 बजे निशान साहिब जी की सेवा होगी।
तत्पश्चात 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक कीर्तन दरबार सजेगा। जिसमें भाई लखविन्द्र सिंह जी शाहबाद वाले, बीबी मनप्रीत कौर खालसा दिल्ली वाले, संत बाबा दलजीत सिंह जी बराड़े वाले, भाई तेजिन्द्र सिंह जी बराडे वाले, भाई अमरीक सिंह जी गाजी नंगल वाले, भाई सतिन्द्र पाल सिंह जी जगाधरी वाले इत्यादि रागी एवं प्रचारक बाबा श्रीचंद जी महाराज के जीवन पर प्रकाश डालेंगे तथा कीर्तन करेंगे।
समारोह के दौरान गुरू का लंगर अटूट बरतेगा। उन्होंने यह भी बताया कि डेरा बाबा दलजीत सिंह बराड़ा द्वारा पूर्ण सेवा व लगन से किया जा रहा है। इस डेरे का महत्व दिनों दिन बढ़ रहा है। इस डेरे में आने से प्रेत आत्माओं के सताए लोगों का इलाज करके उनको हमेशा के लिए उन प्रेत आत्माओं से छुटकारा दिलाया जाता है। प्रतिदिन यह डेरा श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।
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