Ambala News | अंबाला। विधानसभा चुनावों में प्रदेश भर की आशा वर्कर्स ने महिलाओं की आवाज को पुलसिया दमन से दबाने वाली बीजेपी को सबक सिखाने की ठान ली है। यह सन्देश सभी वर्कर्स तक पहुंचाने के लिए जिला की विस्तारित बैठक सिविल सर्जन कार्यलय के सामने लेबर शेड में हुई।
बैठक के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी कर प्रधान कविता शर्मा व सचिव सर्वजीत कौर ने कहा कि पिछले दस सालों में मनोहर सरकार हो या नायब सरकार किसी ने भी वर्कर्स की नोकरी को पक्का करने व न्यूनतम वेतन 26 हजार की मांग को पूरा नही किया। उल्टे आशा वर्कर्स के शांतिपूर्वक आंदोलन को कुचलने के लिए महिलाओ को घरो में नजरबंदी की गई व बालो से पकड़कर सड़को पर घसीटा गया।
पंचकूला जाने से रोकने के लिए कई बार गिरफ्तार कर रात को दूर दराज स्थानों पर छोड़ा गया। इस दमन के चलते कई आशा वर्कर्स को जान से हाथ धोना पड़ा। अम्बाला केंट में तो वर्कर्स पर पूर्व गृह व स्वास्थ्य मंत्री ने आंदोलनकारियों से बात करने की बजाए जमकर कहर ढाया।
इसलिए अब एक एक लाठी व दमन और उत्पीड़न का हिसाब चुकता करने का समय आ गया है। प्रधान व सचिव ने कहा कि लोकसभा चुनावो में करारी हार के बावजूद भी हालात में कोई सुधार नही है। आज भी वर्कर्स को पिछले तीन महीने से वेतन नही मिला है।
ऊपर से वर्कर्स का टेस्ट लेने का फरमान जारी कर दिया गया है। आशा को जानबूझ कर परेशान किया जा रहा है। इन हालात में भाजपा को सबक सिखाना जरूरी हो गया है। इसके लिए हर सीएचसी पर बैठक की जाएगी। बैठक में सीआईटीयू नेता का.सतीश सेठी व रोडवेज कर्मियों के नेता इंद्र सिंह बधाना ने भी भाग लिया।
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