- किसी के साथ भी नाजायज नहीं होने दिया जाएगा – सिटी मजिस्ट्रेट
Ambala News | अंबाला । सदियों पुरानी दरगाह (पीर) बेहडे शाह औलिया चिस्ती के ढांचे को बचाने बारे अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन सोसायटी के जिला प्रधान सैयद अहमद खान की अगुवाई में उपायुक्त अम्बाला के नाम सिटी मैजिस्ट्रेट को एक ज्ञापन सौंपा गया।
जिसमें बताया गया है कि अकबर अली साबरी अम्बाला बेहडे शाह औलिया चिस्ती की पीर मुजार का खिदमत गुजार है तथा यह उसका पुश्तैनी कार्य है। यह दरगाह (पीर) सैकड़ों सालों से इसी स्थान पर स्थापित है और इस पीर मजार पर अम्बाला वा आस-पास के इलाके वा दूर दराज से लोग माथा टेकने आते हैं और मन मांगी मुरादे पाते हैं।
2004-2015 में पीर मजार के हक में आया है दीवानी अदालत का फैसला : सैयद अहमद खान
लेकिन पिछले कुछ सालों से शहर के कुछ मतस्वी लोग इस पीर मजार को नुकसान पहुंचाने की गरज से शरारती तत्वों को उकसाते रहते हैं।
कुछ शरारती लोग नारे बाजी करके माहौल खराब करने पर उतारू रहते हैं तथा कुछ राजनैतिक लोग भी इसकी आड़ में रोटियां सेकना चाहते हैं और सरकारी संस्थाओं पर दबाव डाल कर सड़क की चौड़ाई बढ़ाने के लिये मजार के चारो तरफ बनी बाउंडरी वाल जबरदस्ती तोड़ना चाहते हैं जबकि इस बारे 2004-2015 में पीर मजार के हक में दीवानी अदालत का फैसला भी आ चुका है लेकिन उन सभी पुराने फैसलों को नजर अन्दाज करके पीर के बुनियादी ढांचे को धार्मिक भावनायें भड़का कर तोड़ने पर आमदा हैं।
अभी कुछ दिन पहले पीडब्ल्यूडी विभाग के कुछ कर्मचारियों ने शरारती तत्वों के दबाव में गलत निशानदेही लेकर मजार की पश्चिमी चार दीवार गिरा दी है और अब पीर की मजार को भी नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। हर रोज इस बारे में सोशल मीडिया व अखबार में गलत व झूठे ज्ञापन देकर प्रार्थी पर मानसिक दबाव बनाया जा रहा है|
जब कि पीर की मजार का मौजूदा ढांचा वाली जगह की मलकियत कागजात माल के दरगाह के नाम दर्ज है। लेकिन विरोधी पक्ष किसी भी अदालत के आदेश या सबूत को देखने को तैयार न है और जबरदस्ती ज्याददती करने पर उतारू हैं। इस सारे मामले को गम्भीरता से देखते हुये बेहडे शाह की दरखाह की हिफाजत का हुकम सादिर करके शहर को मजहबी मुनाफरत से बचाया जाए।
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की मुस्लिम समाज कड़ी निंदा करता है : सैयद अहमद खान
सैयद अहमद खान ने कहा कि बंगलादेश में हिन्दुओं के साथ जो ज्याददती हो रही है वह सरासर नाजायज है। जिसकी हमारा समाज कड़ी निंदा करता है। इसके बाद सैयद अहमद खान ने दरगाह के सभी दस्तावेज ज्ञापन के साथ पेश किए जिसके पश्चात सिटी मैजिस्ट्रेट ने आश्वासन दिया कि किसी के साथ भी नाजायज नहीं होने दिया जाएगा|
जिससे कि शहर का माहौल खराब हो। इस अवसर पर शहर के दर्जनों हिन्दू मुस्लिम भाईयों ने भाग लिया। जिसमें मुख्य रूप से कारी उजैर अहमद, मेराज आलम, इसरार अहमद, सलमान ,नासिर हुसैन, सचिव अब्दुल वली खान, मो. सुहैल, रिज्जुकतुल्ला खान, अशोक बरतीया, सुरेन्द्र पाल (बिट्टू), गुरजिन्द्र सिंह झांडी, नीरज सेठ, शाहिद ठेकेदार, मो. कमाल आदि मौजूद रहे।