नई दिल्ली। रक्षा मंत्री ने पहली बार स्वदेश में निर्मित तेजस लड़ाकू विमान में उड़ान भरी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बेंगलुरु स्थित एचएएल हवाईअड्डे से तेजस लड़ाकू विमान में बृहस्पतिवार को उड़ान भरी। स्वदेश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरने वाले पहले रक्षा मंत्री बन गए। जी सूट पहने सिंह विमान में पायलट के पीछे वाली सीट पर बैठे। उनके साथ एयर वाइस मार्शल एन तिवारी भी थे। तिवारी बेंगलुरू में एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (एडीए) के नेशनल फ्लाइट टेस्ट सेंटर में परियोजना निदेशक हैं। रक्षा मंत्री ने लगभग आधा घंटे तक विमान में उड़ान भरी। अपनी उड़ान के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उड़ान बहुत सहज, आरामदायक रही और मैं रोमांचित था। तेजस में उड़ान भरने के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मैंने तेजस को इसलिए चुना क्योंकि यह स्वदेश में निर्मित है।
उन्होंने कहा कि दक्षिण पूर्वी एशिया के देशों ने तेजस विमानों की खरीद में दिलचस्पी दिखाई है। मैं एचएएल, डीआरडीओ और कई संबंधित एजेंसियों को बधाई देना चाहता हूं। हम उस स्तर पर पहुंच गए हैं जहां हम दुनिया भर में लड़ाकू विमानों का निर्यात कर सकते हैं। रक्षा मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को बताया था कि स्वदेशी तकनीक से निर्मित तेजस के विकास से जुड़े अधिकारियों का हौसला बढ़ाने के उद्देश्य से रक्षा मंत्री इस हल्के लड़ाकू विमान में उड़ान भरेंगे। अधिकारी ने कहा था ”उनके इस कदम से भारतीय वायुसेना के उन पायलटों का मनोबल भी बढ़ेगा जो यह विमान उड़ा रहे हैं। भारतीय वायुसेना तेजस विमान की एक खेप को पहले ही शामिल कर चुकी है। एलसीए का नौसैन्य संस्करण फिलहाल निर्माण चरण में है। पिछले शुक्रवार को गोवा में तेजस ने विमान वाहक पोत पर उतरने की काबिलियत दिखाई थी यानि ह्लअरेस्टेड लैंडिंगह्व की थी। इस लैंडिंग के दौरान नीचे से लगे तारों की मदद से विमान की रफ्तार कम कर दी जाती है।इसी के साथ लड़ाकू विमान के नौसैन्य संस्करण के निर्माण की राह आसान हो गई थी। बृहस्पतिवार को ही सिंह बेंगलुरु में रक्षा अनुसंधान और शोध संगठन (डीआरडीओ) के उत्पादों की प्रदर्शनी में भी शामिल होंगे।