Amarnaath Yatra 2024: पवित्र अमरनाथ गुफा में विराजमान हुए बाबा बर्फानी, सामने आई पहली तस्वीर

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Amarnaath Yatra 2024
पवित्र अमरनाथ गुफा में विराजमान हुए बाबा बर्फानी की पहली तस्वीर।

Aaj Samaj (आज समाज), Amarnaath Yatra 2024, श्रीनगर: हर साल की तरह इस साल भी पवित्र अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी विराजमान हो गए हैं यानी हिम शिवलिंग ने श्री अमरनाथ गुफा में अपना आकार ले लिया है और इसकी पहली तस्वीर सामने आई है। इस बार शिवलिंग करीब 8 फीट ऊंचा है। बता दें कि हर वर्ष अमरनाथ यात्रा शुरू होने के बाद वहां शिवलिंग के दर्शनार्थ व पूजा अर्चना के लिए देश के कोने-कोने से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं।

हर वर्ष दो मार्गों से होती है अमरनाथ यात्रा

बता दें कि हर वर्ष अमरनाथ यात्रा दो मार्गों से होती है। इनमें से एक अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किमी लंबा नुनवान-पहलगाम मार्ग है और दूसरा गांदरबल जिले में 14 किमी का छोटा और संकरा बालटाल मार्ग है। इन दोनों रास्तों से पवित्र गुफा की तरफ शिवलिंग के दर्शनार्थ भक्त पहुंचते हैं। यात्रा संबंधी महत्वपूर्ण कार्यों के लिए निविदाएं जारी की गई हैं, जिसमें मई के मध्य या आखिरी सप्ताह में युद्धस्तर पर काम शुरू करवा दिए जाएंगे। पहलगाम ट्रैक पर बर्फ हटाने का काम जारी है। इस बार अमरनाथ में रिकॉर्ड यात्रियों के आने की संभावना है, जिसे देखते हुए उन्हें आपात स्थिति में ठहराने की उचित व्यवस्था की जा रही है। जम्मू, रामबन और श्रीनगर में यात्री निवास का विस्तार किया जा रहा है।

29 जून से शुरू होगी यात्रा, रजिस्ट्रेशन जारी

अमरनाथ यात्रा इस वर्ष 29 जून से शुरू होगी और रक्षाबंधन के दिन 19 अगस्त को संपन्न होगी। 15 अप्रैल से पंजीकरण जारी है और 20 दिन में 2.38 लाख शिवभक्तों ने आफलाइन व आनलाइन रजिस्ट्रेशन करवा लिया है। श्रृद्धालु आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर भी अपना पंजीकरण करवा सकते हैं। श्री अमरनाथ श्राइन बोर्ड हेलिकॉप्टर सेवा के लिए भी जल्द आॅनलाइन बुकिंग सेवा शुरू करेगा।

गिरते पानी की बूंदों से बनता है शिविलिंग

बाबा अमरनाथ की गुफा समुद्र तल से लगभग 12,756 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। श्रद्धालुओं को 40 मीटर ऊंचे इस गुफानुमा मंदिर तक पहुंचने के लिए लगभग 35 से 48 किमी की यात्रा करनी पड़ती हैं। गुफा में मौजूद शिवलिंग की खासियत है कि यह गिरते पानी की बूंदों से बनता है। इसके लिए काफी अच्छी सेहत होना जरूरी है।

मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक

अमरनाथ मंदिर को हिंदुओं के सबसे पवित्र मंदिरों में से एक माना जाता है। इसके साथ कई किंवदंतियां जुड़ी हैं। इस मंदिर को 51 शक्तिपीठों (वे स्थान जहां देवी सती के शरीर के अंग गिरे थे) में रखा गया हैं। साथ ही इसे उस स्थान के रूप में भी वर्णित किया जाता है जहां भगवान शिव ने देवी पार्वती को जीवन व अनंत काल का रहस्य सुनाया था। मंदिर का ज्यादातर हिस्सा साल भर बर्फ से घिरा रहता है। गर्मी के मौसम में बहुत कम समय के लिए मंदिर को खोला जाता है।

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