Amit Malviya On Telangana Govt, (आज समाज), नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस की तेलंगाना सरकार पर तेलुगु फिल्म उद्योग को निशाना बनाने का आरोप लगाया है। तेलुगु फिल्म उद्योग (Telugu Film Industry) के प्रतिनिधि अल्लू अर्जुन की फिल्म पुष्पा 2 की स्क्रीनिंग के दौरान 4 दिसंबर को भगदड़ में 35 वर्षीय रेवती नामक महिला की मौत को लेकर उठे विवाद के बीच अल्लू अर्जुन को टारगेट करने को लेकर अमित मालवीय ने उक्त बात कही है। भगदड़ में रेवती का आठ वर्षीय बेटा घायल हो गया है।
अल्लू अर्जुन को पहले गिरफ्तार किया, कई घंटे पूछताछ
बता दें कि तेलंगाना पुलिस ने मामले में तेलुगु अभिनेता अल्लू अर्जुन से कई घंटे तक पूछताछ की है। उन्हें पहले गिरफ्तार किया गया था और बाद में जमानत दे दी गई थी। अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर लिखा, रेवंत रेड्डी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के तहत तेलंगाना में कुछ परेशान करने वाली बातें सामने आ रही हैं। प्रशासन टॉलीवुड को निशाना बना रहा है, जो भारत के सबसे बड़े और सबसे जीवंत फिल्म उद्योगों में से एक है, कथित तौर पर इसलिए क्योंकि तेलुगु सुपरस्टार और फिल्म निमार्ताओं ने मुख्यमंत्री के नियंत्रण और उनसे पैसे ऐंठने के प्रयासों का पालन करने से इनकार कर दिया है।
नागार्जुन के कन्वेंशन सेंटर को ध्वस्त करने से शुरू हुआ विवाद
अमित मालवीय ने नागार्जुन के कन्वेंशन सेंटर को ध्वस्त किए जाने और तेलंगाना के मंत्री कोंडा सुरेखा द्वारा अभिनेत्री सामंथा प्रभु के खिलाफ टिप्पणी करने जैसी हालिया घटनाओं का हवाला देते हुए कहा, हैदराबाद में सुपरस्टार नागार्जुन के कन्वेंशन सेंटर को ध्वस्त करने के साथ विवाद शुरू हुआ। इसके बाद, एक मौजूदा महिला कैबिनेट मंत्री ने नागार्जुन की अब अलग हो चुकी बहू और अपने आप में एक सफल अभिनेत्री सामंथा प्रभु पर व्यक्तिगत हमला किया। उत्पीड़न का अभियान अनुभवी अभिनेता मोहन बाबू तक फैल गया, उनके बेटे का कथित तौर पर राजनीतिक स्कोर को निपटाने के लिए इस्तेमाल किया गया।
तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बेहद अलोकप्रिय हुई
अमित मालवीय ने कहा, हाल ही में टॉलीवुड के एक और प्रमुख व्यक्ति अल्लू अर्जुन ने खुद को निशाने पर पाया है। उन्होंने कहा कि तेलुगू अभिनेताओं के खिलाफ ऐसी घटनाओं के कारण तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बेहद अलोकप्रिय हो गई है। उन्होंने कहा, तेलंगाना की यह स्थिति उन लोगों के लिए एक कठोर चेतावनी है जो कांग्रेस को मुक्त भाषण और अभिव्यक्ति के रक्षक के रूप में देखते हैं। पार्टी की कार्रवाइयां इसके विपरीत संकेत देती हैं, जो जबरन वसूली और जबरदस्ती के एक पैटर्न को उजागर करती हैं जो सत्ता और धन की तलाश में आजीविका और प्रतिष्ठा को लक्षित करती हैं।
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