नई दिल्ली। बाबा रामदेव द्वारा एलोपैथी पर दिए गए अपने विवादित बयान से उपजा विवाद थमनेका नाम नहीं ले रहा है। एलौपैथी चिकित्सा के संबंध मेंबाबा रामदेव ने जो बयान दिया उससेडाक्टरों ने पूरी तरह सेमोर्चाखोल दिया है। मंगलवार को बाबा रामदेव के खिलाफ एलोपैथी के डाक्टरों ने प्रदर्शन किया। दिल्ली एम्स सहित अन्य बड़ेअस्पतालों मेंभी आज डॉक्टरोंने काली पट्टी बांधकर अपनी ड्यूटी की। हालांकि एलोपैथे और आयुर्वेद को लेकर चल रहेइस विवाद मेंसरकार की क चिंता भी बढ़गईहै। देश में कोरोना महामारी केबीच लाखोंमरीजों का इलाज हो रहा है। कोरोना महामारी के बीच इस विवाद ने सरकारों को भी चिंता में डाल दिया है। दिल्ली एम्स समेत तमाम अस्पतालों में डॉक्टर काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं और बाबा रामदेव की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। गौरतलब हैकि बाबा रामदेव और एलोपैथिक डॉक्टरों के बीच विवाद गहरा गया था जिसके बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन को बीच में बोलना पड़ा और उन्होंने बाबा रामदेव को पत्र लिखकर अपना बयान वापस लेनेको कहा था। हालांकि पत्र के बाद बाबा रामदेव ने बयान वापस भी लिया लेकिन विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इसी कड़ी में आज डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। केवल निजी नहींअपितुसरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेजीडेंट डॉक्टरों ने भी विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की घोषणा की है। बाबा रामदेव के खिलाफ प्रदर्शन सुबह 8 बजे से शुरू हो गया है। सोमवार को फेडरेशन आॅफ रेजीडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (फोर्डा), इंडियन मेडिकल एसोसिएशन और फेमा सहित कई चिकित्सीय संगठनों ने बाबा रामदेव केविरोध में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया। कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, हरियाणा, पंजाब, एमपी और राजस्थान तक सरकारी अस्पतालों में कार्यरत रेजीडेंट डॉक्टरों ने हिस्सा लेने की जानकारी दी है।