नई दिल्ली। केंद्र सरकार किसानों को पीएम किसान सम्मान निधि केमदद प्रदान की है और आगे भी कर रही है। लेकिन पीएम किसान सम्मान निधि के तहत 2021-22 के लिए आबंटित 10,000 करोड़ रुपये को कम किया गया है। वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पश्चिम बंगाल की तरफ से छोटे एवं सीमांत किसानों की सूची नहीं दी गई। जिसके कारण यह निर्णय लिया गया। साथ ही वित्तमंत्री ने यह भी बताया कि उनकी सरकार के कार्यकाल में मनरेगा के तहत आबंटित कोष का उपयोग बढ़ा है। लगातार विपक्ष की कांग्रेस पार्टी और पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा सरकार पर पूंजीपतियों से जुड़ाव होनेऔर उनके लिए काम करने की बात को सिरे से वित्तमंत्री ने नकार दिया। उन्होंने कहा कि साठगांठ वाले पूंजीवाद का आरोप लगाना बेबुनियाद है, गांवों में सड़कों का निर्माण, हर गांव में बिजली, छोटे किसानों के खातों में पैसा डालने जैसी योजनाएं गरीबों के लिए है न कि पूंजीपतियों के लिए। आज वित्तमंत्री सीतारमण ने आम बजट पर चर्चाकरते हुए यह बातेंकहीं। गौरतलब है कि मोदी सरकार पर विपक्षी पार्टी कांग्रेस आए दिन पूंजीपतियों का साथ देने के आरोप लगाती है। कांग्रेस केंद्र सरकार पर अडाणी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों से साठगांठ का आरोप लगाती रहती है। जिसके जवाब में आज वित्तमंत्री ने कहा कि बजट में किए गए प्रावधान आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए हैं। बजट में तात्कालिक सहायता के साथ साथ मध्यम और दीर्घ अवधि में सतत आर्थिक वृद्धि बनाये रखने पर ध्यान दिया गया है। उन्होंनेविपक्ष को सुनाते हुए कहा कि हमारी सरकार आम आदमी के लिए कार्य कर रही है। लेकिन विपक्ष एक झूठी कहानी बना रहा है कि सरकार ताकतवर पूंजीपतियों के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अवसंरचना निर्माण, निरंतर सुधार, खातों में पारदर्शिता बजट की विशेषताएं हैं। बजट में किए गए प्रोत्साहन प्रावधान आर्थिक पुनरूद्धार के लिए, महामारी के दौरान किए गए सुधार वृद्धि को पटरी पर लाने के लिए किए गए।
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