कहा, प्राकृतिक खेती करने वाले किसान दूसरों के लिए प्रेरणा
आज समाज डिजिटल, कुल्लू:
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर ने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के अनुभव दूसरों के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को कम लागत के साथ-साथ अधिक आय अर्जित करने का लाभ प्राप्त रहा है। उन्होंने कहा कि खेती की इस पद्धति को अपनाने के लिए अनुभवी किसानों को अन्य किसानों का मार्गदर्शन करना होगा ताकि अन्य लोग भी इस पद्धति को अपना सकें। उन्होंने कहा कि किसान सही मायने में कर्मयोगी होते हैं। वे कुल्लू जिले की शमशी पंचायत के सेरीबेहड़ के दौरे के दौरान प्राकृतिक खेती करने वाले क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों से बातचीत कर रहे थे।
प्राकृतिक खेती समय की मांग
राज्यपाल ने कहा कि प्राकृतिक खेती समय की मांग है, क्योंकि यह हमारी पारंपरिक कृषि पद्धति है। उन्होंने हिमाचल प्रदेश को देश का पहला प्राकृतिक खेती राज्य बनाने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा की गई घोषणा को पूरा करने के लिए सभी किसानों से सहयोग प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने शमशी क्षेत्र के किसानों के प्रयासों की सराहना की। किसानों ने राज्यपाल के साथ अपने अनुभव साझा किए। इससे उपरान्त, राज्यपाल ने फार्म क्षेत्र का भी दौरा किया और प्राकृतिक खेती के विभिन्न आदानों में गहरी रुचि दिखाई।