आकाश श्रीवास्तव। इंग्लिश क्रिकेट में बेन स्टोक्स के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। एक ऐसा क्रिकेटर जिसने ओल्ड ट्रैफर्ड में पहली पारी में ज़रूरत के मुताबिक बेहद धीमी पारी खेलकर अपने ज़बर्दस्त टेम्परामेंट का परिचय दिया वहीं दूसरी पारी में इसी खिलाड़ी ने बेहद आक्रामक पारी खेलकर सबका दिल जीत लिया और वह भी बतौर ओपनर।
इतना ही नहीं, इस गेंदबाज़ ने बहुत नाजुक मौकों पर अपनी टीम को ब्रेकथ्रू दिलाए और ओल्ड ट्रैफर्ड में तीन विकेट भी हासिल किए। इस बेहद दबाव वाले मैच में वह दोनों टीमों के बीच का बड़ा अंतर साबित हुए, जिससे इंग्लैंड की टीम सीरीज़ जीतने में क़ामयाब हो गई। इस प्रदर्शन की बदौलत स्टोक्स ने आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में ऑलराउंडरों की सूची में जेसन होल्डर से उनका शीर्ष स्थान हाथिया लिया। इस स्थान पर होल्डर पिछले 18 महीनों से काबिज थे। अब दोनों खिलाड़ियों में 38 अंकों का अंतर है। उनसे पहले इंग्लैंड की ओर से यह कमाल एंड्रयू फ्लिनटॉफ ने किया था। मई 2006 में उनके 497 अंक थे। इसके बाद जैक्स कालिस ने अप्रैल 2008 में 517 अंकों के साथ इस शीर्ष स्थान पर कब्जा कर लिया।
इतना ही नहीं, स्टोक्स बल्लेबाज़ों को भी चुनौती दे रहे हैं। इस साल के शुरू में उन्होंने विजडन के क्रिकेटर ऑफ द ईयर पुरस्कार पर कब्जा करके विराट कोहली के तीन साल से चले आ रहे दबदबे पर विराम लगा दिया। इतना ही नहीं, वह आईसीसी टेस्ट रैंकिंग में बल्लेबाज़ों की सूची में स्टीव स्मिथ और विराट कोहली के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गए हैं। वर्ष 2019 के बाद देखें तो वह अपनी टीम के लिए 16 टेस्टों में 52.11 के औसत से 1355 रन बनाने वाले खिलाड़ी हैं।
स्टोक्स टेस्ट क्रिकेट में चार हज़ार रन और 150 विकेट के एलीट क्लब में शामिल हो गए हैं। उन्होंने इस काम को वेस्टइंडीज़ के महान ऑलराउंडर सर गैरी सोबर्स के बाद सबसे तेज़ अंजाम दिया है। इस क्लब में जैक्स कालिस, गैरी सोबर्स, कपिलदेव, इयान बॉथम और डेनियल विटोरी जैसे दिग्गज शामिल हैं।
बेन स्टोक्स बाएं हाथ के बल्लेबाज़ और दाएं हाथ के तेज़ गेंदबाज़ हैं। वह विराट कोहली, स्टीव स्मिथ, जो रूट, केन विलियम्सन और और बाबर आज़म जैसे बेहतरीन खिलाड़ियों की श्रेणी में आ गए हैं। इसके अलावा स्टोक्स आईपीएल में पुणे सुपरजाएंट्स में तीन साल पहले अपनी उपयोगिता दिखा चुके हैं। वह सीज़न के बेहत उपयोगी खिलाड़ी साबित हुए। पिछले साल वर्ल्ड कप में अपनी टीम को खिताब दिलाने में उन्होंने बड़ी भूमिका निभाई। उनके सुपर ओवर में तीन गेंदों पर आठ रनों को कौन भूल सकता है। वह उस मैच के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी रहे कोई भी सपना किसी मैजिक के बिना साकार नहीं होता लेकिन उनके दृढ़ संकल्प और कड़ी मेहनत से उन्होंने एक मुकाम हासिल किया है। वह आज दुनिया भर के युवाओं के प्रेरक हैं।