चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस ने दुनिया केदेशों को अपना विकराल रूप दिखाया। हजारों लाखों लोग पूरी दुनिया में इससे संक्रमित होकर अपनी जिंदगी हार चुके। दुनिया मेंअपनी स्वास्थ्य सेवाओं के लिए जिन देशों को जाना जाता था वह देश भी घुटनों के बल दिखे। अब इस महामारी की वैक्सीन पर काम चल रहा है जल्द ही इसमें सफलता मिलती दिख रही है। कई देशों में इसकी वैक्सीन का सफल ट्रायल चल रहा हैं। हाल ही में अमेरिकी दवा कंपनी मॉडर्ना इंक ने कहा था कि उसकी प्रयोगात्मक वैक्सीन कोविड-19 की रोकथाम में 94.5 फीसदी प्रभावी पाई गई है। इससे पहले फाइजर को भी बड़ी सफलता प्राप्त हुई थी।
अब जबकि लग रहा है कि जल्द ही दुनिया को इसकी वैक्सीन मिलने वाली है तब देश की बड़ी कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति नेआम लोगों के लिए फ्री वैक्सीन की बात कही। उन्होंने कहा कि जब कोरोना वैक्सीन बाजार में उपलब्ध होगी, तब देश के हर व्यक्ति को वैक्सीन मुफ्त में लगाई जानी चाहिए। इस संदर्भ में मूर्ति ने कहा कि, ‘मैं मानता हूं कि कोरोना वायरस की वैक्सीन एक पब्लिक गुड होनी चाहिए और प्रत्येक व्यक्ति के लिए टीकाकरण मुफ्त में होना चाहिए। ये वैक्सीन सभी के लिए मुफ्त होनी चाहिए। इसके लिए वैक्सीन बनाने वाली सभी कंपनियों को संयुक्त राष्ट्रया देशों की ओर से मुआवजा मिलना चाहिए। कोरोना काल मेंवर्क फ्रार्म होम के कल्चर को भारत में बढ़ावा मिला है। कई कंपनियां और कर्मचारी घर से ही काम कर रहे हैं। लेकिन इस मामले में नारायण मूर्ति ने हमेशा घर से काम (वर्क फ्रॉम होम) करने पर असहमति जताई है। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा कि भारत में ज्यादातर लोगों के घर छोटे हैं, जिसकी वजह से उन्हें ध्यान केंद्रित करने में दिक्कत होती है। मूर्ति ने छोटी-छोटी अवधि के लिए स्कूलों को खोलने के फैसले का भी समर्थन किया है, हालांकि इसके लिए उन्होंने कहा है कि पीपीई किट, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क और ग्लव्स समेत अन्य सुरक्षा नियमों को पालन होना चाहिए।