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नई दिल्ली। संसद का मॉनसून सत्र 19 जुलाई सोमवार यानी कल से शुरू हो रहा है। सत्र से पहले सरकार ने रविवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई है। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने अलग-अलग राजनीतिक दलों के नेताओं को इस बैठक के लिए आमंत्रित किया है। यह बैठक 11:00 बजे संसद भवन परिसर में होगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भी शामिल होने की संभावना है। सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले ये सुनिश्चित करने के लिए इस तरह की सर्वदलीय बैठकें सत्र के शुरूआत होने से पहले बुलाई जाती हैं। सरकार की ओर से बुलाई गई बैठक के साथ-साथ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी शाम 4:00 बजे सभी पार्टियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक का मकसद सदन को सुचारू तौर पर चलाने को लेकर सभी दलों के बीच एक राय बनाने की होगी। इस बैठक में भी सभी दल के प्रतिनिधियों साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे। ये दोनों बैठक संसद भवन परिसर में आयोजित की जाएंगी।
गौरतलब है कि पिछली बार कोरोना के कारण आनलाइन माध्यम से इस बैठक का आयोजन किया गया था। बता दें कि मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा। संसद का मॉनसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार हो सकता है। विपक्ष सत्तारूढ़ भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि, कथित कोविड -19 कुप्रबंधन, वैक्सीन की कमी सहित कई मुद्दों पर घेरने के लिए तैयारी में है। कोरोना को देखते हुए इस बार पार्लियामेंट में खास इंतजाम किए गए है। जिन सांसदों ने वैक्सीन नहीं ली है उन्हें फळ-ढउफ टेस्ट के बाद ही संसद के सत्र में भाग लेने की अनुमति दी जाएगी। सदन में एनडीए की रणनीति को लेकर भी आज बैठक होगी। इस बैठक में एनडीए के घटक दल सदन में अपनी रणनीति को लेकर चर्चा करेंगे। यह बैठक दोपहर 3:00 बजे संसद भवन परिसर में आयोजित की जाएगी और इस बैठक में एनडीए के घटक दल के नेताओं के साथ-साथ पीएम नरेंद्र मोदी भी शिरकत करेंगे।
सरकार ने संसद के मानसून सत्र में पेश करने के लिए 17 नये विधेयकों को सूचीबद्ध किया है. सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले इन 17 नये विधेयकों में से तीन विधेयक अध्यायदेशों के स्थान पर लाए जाने हैं। दरअसल, संसद का सत्र आरंभ होने पर अध्यादेश को विधेयक के रूप में संसद की मंजूरी दिलानी होती है क्योंकि 42 दिन या छह सप्ताह में इनके प्रभावी रहने की समयसीमा समाप्त हो जाती है। सरकार की ओर से 30 जून को एक अध्यादेश लाया गया था जो आवश्यक रक्षा सेवाओं से जुड़े लोगों के आंदोलन या हड़ताल करने पर रोक से संबंधित है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से संसद के आगामी मानसून सत्र के लिए तैयार होकर आने को कहा है।