नई दिल्ली। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम केंद्र सरकार पर हमलावर रहते हैं अब उन्होंने कोलकाता में सीएए और एनआरसी के लिए कहा कि सभी को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने आज कहा कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर सभी विपक्षी दलों को एक साथ एक मंच पर आना चाहिए। बता दें कि सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धर्म के आधार पर प्रताड़ित होकर आने वाले हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। पी. चिदंबरम ने सीएए और एनआरसी का विरोध जताने के लिए कहा कि 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होने वाले राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) अभ्यास में यदि कोई सहयोग नहीं करता तो नरेंद्र मोदी सरकार लाखों लोगों को दंडित करने जैसी मूर्खता नहीं करेगी। गौरतलब है कि देश में सीएए और एनआरसी को लेकर देश में विरोध प्रदर्शन जारी हैं। उच्चतम न्यायालय ने पश्चिम बंगाल मूल के 20 लोगों की ओर से संशोधित नागरिकता कानून-2019 (सीएए) की संवैधानिकता और गृह मंत्रालय की ओर से इसे लागू करने के लिए जारी अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर शुक्रवार (17 जनवरी) को केंद्र से जवाब तलब किया। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 18 दिसंबर को सीएए की संवैधानिकता की समीक्षा करने का फैसला किया था जबकि इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।