प्रवीण वालिया, करनाल:
सेवा का अधिकार अधिनियम की पालना में नागरिकों को समयबद्ध सेवाएं देने में करनाल नगर निगम 9.7 के स्कोर के साथ जिला के सभी विभागों में प्रथम रैंकिंग पर है। गुरूवार को निगमायुक्त नरेश नरवाल ने निगम अधिकारियों की एक रिव्यू मीटिंग में अपने स्टाफ की प्रशंसा कर उन्हें बधाई दी।
शक्तियों के डेलिगेशन के लिए समीक्षा बैठक
नगर निगम के कामों को और बेहतर बनाने के लिए निगमायुक्त ने बीती 24 मार्च को अधिकारियों को अलग-अलग शक्तियां डेलीगेट की थी, उसी की समीक्षा के लिए आज मीटिंग की गई। विकास कार्यों की निगरानी करने के लिए गठित कमेटियों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिए कि कार्यों की मॉनिटरिंग नियमित करते रहें। हॉल्टीकल्चर शाखा की समीक्षा करते उन्होंने बताया कि अब पूरे शहर के लिए 4 जोन बनाए जाएं। हर जोन का अलग-अलग टेंडर लगाएं, इससे पेड़-पौधों, पार्कों, चौक और सेंंट्रल वर्ज की अच्छी तरह से देखभाल हो सकेगी। यह भी कहा कि पौधों के सरंक्षण के लिए उन पर ट्री-गार्ड लगाए जाएं और सबकी नंबरिंग करना सुनिश्चित करें।
संपत्ति कर की रिकवरी बढ़ाने पर करें काम
सोलिड वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट को लेकर उन्होंने निर्देश दिए कि प्लांट में वेस्ट मैनेजमेंट रूल-2016 के अनुसार स्टैण्डर्ड आॅप्रेटिंग प्रोसिजर बनाए और उसे कॉन्ट्रेक्टर्स को प्री-बिड मीटिंग में दिखाएं। प्लांट में वेस्ट मैनेजमेंट के लिए निकट भविष्य में जो भी टेंडर लगाया जाना है, उसमें उसी एजेंसी को त्वज्जों दें, जो एसओपी के अनुसार कार्य करने की इच्छुक हो। मीटिंग में उन्होंने अधिकारियों से कहा कि नगर निगम एक स्वायत निकाय बॉडी है, इसमें विभिन्न स्त्रोतों से जो आय प्राप्त होती है, उसे नागरिकों की सुविधाओं पर खर्च किया जाता है। इसे देखते अधिक से अधिक राजस्व सृजित किया जाए। उन्होंने बताया कि निगम में जोनल टेक्सेशन अधिकारी की नियुक्ति हो गई है, अब प्रॉपर्टी टैक्स, दुकानों का रेंट और वाटर और सीवर के बिलों की रिकवरी ओर अच्छे से की जानी चाहिए। उन्होंने जोनल टैक्सेशन अधिकारी को निर्देश दिए कि सम्पत्ति कर की रिकवरी बढ़ाने के लिए विशेष मुहिम चलाएं।
शुल्क वसूली में तेजी लाएं अधिकारी: आयुक्त
निगमायुक्त ने भवन निर्माण शाखा के अधिकारियों को निर्देश दिए कि विकास शुल्क वसूली में तेजी लाई जाए। इसके लिए उन्होंने कहा कि प्रत्येक अपने-अपने वार्डों में जाकर अनाधिकृत निर्माण का पता लगाएंगे और 15 दिन के बाद उसका एक सर्टिफिकेट देंगे और नोटिस देने व सील करने जैसी आगामी कार्रवाई अमल में लाएंगे। मीटिंग में भवन निरीक्षक ने निगमायुक्त को अवगत कराया कि बीती 1 मई से 24 अगस्त तक करीब 3 करोड़ 56 लाख रुपए विकास शुल्क के रूप में एकत्रित किए गए हैं। उन्होंने कार्यकारी अभियंताओं को भी निर्देश दिए कि जिस टैण्डर की अवधि समाप्त होने जा रही है, उसका नया टैण्डर लगाने की प्रक्रिया शुरू कर दें, एक्सटेंशन नहीं दी जाएगी।
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