All India Institute of Medical Sciences : भारतीय मानव संस्कृति के उत्थान और विकास में ‘दवा और अध्यात्म’ का तालमेल “वसुधैव कुटुंबकम्” के सिद्धांतों पर: डॉ. वी. पी. सिंह

0
190
All India Institute of Medical Sciences

Aaj Samaj (आज समाज), All India Institute of Medical Sciences, नई दिल्ली : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के जवाहर लाल नेहरू आडिटोरियम में दिल्ली के सबसे बड़े अस्पताल ऑल इंडिया मेडिकल साइंस यानी एम्स द्वारा आयोजित”चिकित्सा और ध्यान” सम्मेलन में बुद्धिजीवियों और डॉक्टरों के बीच अपने महत्वपूर्ण संबोधन में बोलते हुए इंटरनेशनल ह्यूमेन राइट्स & क्राइम कंट्रोल काउन्सिल के चीफ डॉक्टर वीपी सिंह ने कई महत्वपूर्ण बातें कही। डॉ वीपी सिंह को यहाँ कार्यक्रम में बतौर चीफ गेस्ट आमंत्रित किया गया था।

 

जहां धर्म है वहीं पर मानवता और दूसरी अन्य चीज है

इस मौके पर डॉ वीपी सिंह ने कहा कि इच्छा शक्ति का संबंध सीधे हमारे दैनिक जीवन पर पड़ता है। अगर हमारी इच्छा शक्ति मजबूत होगी तो हम किसी भी मुश्किल को पार कर सकते हैं डॉक्टर वीपी सिंह ने कहा कि जहां धर्म है वहीं पर मानवता और दूसरी अन्य चीज है। उन्होंने कहा कि आज हमारे देश में डॉक्टर बहुत बड़ी भूमिका निभा रहे हैं डॉक्टर के सहारे ही आज लाखो लोग मौत के मुंह में जाने से बच पाते हैं, अगर डॉक्टर नहीं होते तो बिना इलाज के लोग काल के मुंह में समा जाते।डॉक्टर को भगवान का रूप भी माना जाता है उन्होंने कहा कि हमारे शास्त्रों में शुरू से ही ऐसे कई बड़े उदाहरण हैं जो हमारे ऋषि मुनियों की बड़ी-बड़ी खोज और चिकित्सा पद्धति पर बड़ी-बड़ी बीमारियों को ठीक करने के दावे को हकीकत में सिद्ध करते है।

 

भारतीय संस्कृति को सच्चे अर्थ में मानव संस्कृति कहा जा सकता है

डा. वीपी सिंह ने आश्रम व्यवस्था के महत्व पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि आश्रम व्यवस्था का पालन करते हुए धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति भारतीय संस्कृति का मूल मंत्र रहा है। प्राचीन भारत के धर्म, दर्शन, शास्त्र, विद्या, कला, साहित्य, राजनीति, समाजशास्त्र इत्यादि में भारतीय संस्कृति के सच्चे स्वरुप को देखा जा सकता है। वहीं, उन्होंने कहा मानव संस्कृति ऐसे सिद्धांतों पर आश्रित है जो प्राचीन होते हुए भी नए हैं। ये सिद्धांत किसी देश या जाति के लिये नहीं अपितु समस्त मानव जाति के कल्याण के लिये हैं। इस दृष्टि से भारतीय संस्कृति को सच्चे अर्थ में मानव संस्कृति कहा जा सकता है। मानवता के सिद्धांतों पर स्थित होने के कारण ही तमाम आघातों के बावजूद भी यह संस्कृति अपने अस्तित्व को सुरक्षित रख सकी है। यूनानी, पार्शियन, शक आदि विदेशी जातियों के हमले, मुगलों और अंग्रेजी साम्राज्यों के आघातों के बीच भी यह संस्कृति नष्ट नहीं हुई। अपितु प्राणशीलता के अपने स्वभावगत गुण के कारण और अधिक पुष्ट एवं समृद्ध हुई।

 

डॉक्टर वीपी सिंह को इस मौके पर सम्मानित भी किया गया

डॉक्टर वीपी सिंह ने कहा कि मेरे लिए यह खुशी की बात है कि मैं आज देश के सबसे बड़े और सबसे अनुभवी डॉक्टर के बीच यहां पर मौजूद हूं आज मुझे उनके साथ अपने विचार साझा करने का मौका मिल रहा है यह मेरे लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। मैं यह इस दिन कभी भूल नहीं सकता आईएचआरसीसीसी के चीफ़ डॉक्टर वीपी सिंह को इस मौके पर सम्मानित भी किया गया। आईएचआरसीसीसी की हाई कमिश्नर डॉ.आकांक्षा विद्यार्थी एवं पूर्व मजिस्ट्रेट सीनियर अधिवक्ता सुप्रीम कोर्ट एवं आईएचआरसीसीसी के अन्तर्राष्ट्रीय अध्यक्ष (सलाहकार समिति) डॉक्टर हरीश मखीजा को भी सम्मानित किया गया। इस मौके पर एम्स के डायरेक्टर एवं देश दुनिया के डॉक्टर समेत बहुत सारे बुद्धिजीवी मौजूद रहे।

 

 

यह भी पढ़ें : Karnal News : करनाल के सौ से अधिक पत्रकारों ने हरियाणा विधानसभा सत्र की कार्यवाही देखी

यह भी पढ़ें : Liquor Shop Set On Fire : दो नकाबपोश युवकों ने पेट्रोल डालकर शराब के ठेके में लगाई आग

Connect With Us: Twitter Facebook