उपायुक्त ने जिला में बाढ़ प्रबंधों की समीक्षा की
प्रभजीत सिंह लक्की, यमुनानगर :
उपायुक्त पार्थ गुप्ता ने जिला सचिवालय के सभाकक्ष में आज बाढ़ की स्थिति से निपटने को लेकर विभिन्न विभागों द्वारा किए गए प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि यमुनानगर जिला की भौगोलिक परिस्थितियों के कारण इस क्षेत्र में सितम्बर मास में बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है इसलिए सभी विभाग स्थिति से निपटने के लिए सर्तक रहें।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सहित कुछ क्षेत्रों में अधिक बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हुई है और यमुनानगर जिला पहाड़ी क्षेत्र से सटा होने व इस जिला में यमुना सहित अन्य नदियों में पड़ोसी राज्यों में अधिक वर्षा के कारण भी बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने की सम्भावना रहती है। मानसून सीजन का अधिकतर समय गुजर जाने के बावजूद भी प्रबंधों में किसी प्रकार की ढील नही दी जानी चाहिए और प्रत्येक स्थिति से निपटने के लिए पर्याप्त तैयारी रखें।
जिला राजस्व अधिकारी आर.पी. कटारिया ने बताया कि जिला में यमुना व सोम नदी जैसी नदियों में अधिक पानी की सम्भावना रहती है। उन्होंने बताया कि नगर निगम क्षेत्र में 29 ड्रेने है जबकि नगर निगम सीमा से बाहर जिला में 13 ड्रेन है। नगर निगम और सिंचाई विभाग द्वारा अपने अधिकार क्षेत्र में आने वाली ड्रेनों की सफाई करवाने के साथ-साथ बाढ़ नियंत्रण के सभी आवश्यक प्रबंध भी पूरे किए गए। उन्होंने बताया कि सूचनाओं के आदान-प्रदान के लिए जिला और उपमण्डल स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए है। सिंचाई विभाग के कार्यकारी अभियंता संदीप कुमार ने बताया कि नदियों में जल स्तर पर निरंतर नजर रखी जाती है और पड़ोसी राज्यों से भी निरंतर सम्पर्क रहता है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष वर्षा के सीजन में हथनी कुण्ड बैराज से अधिकतम 1.59 लाख क्यूसिक जल छोड़ा गया है और अभी तक बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न नही हुई है।
बैठक में यमुनानगर-रादौर मार्ग पर औरंगाबाद पुल के नीचे और रादौर शहर के नजदीक सडक़ पर जल भराव की समस्या पर भी चर्चा की गई। उपायुक्त ने लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को सडक़ की मरम्मत के अस्थाई प्रबंध तुरंत करने के निर्देश दिए और कहा कि मरम्मत सम्बंधी कार्यो की रिपोर्ट एक सप्ताह में प्रस्तुत करें। लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस मार्ग पर ओरंगाबाद, दामला व रादौर के नजदीक की सडक़ मरम्मत की समस्या के स्थाई समाधान के लिए विभाग को प्रस्ताव भेजा जा चुका है और यह सडक़ चार मार्गी बनाने की भी योजना है। इसी प्रकार बैठक में नगर निगम, जन स्वास्थ्य, विकास एवं पंचायत व अन्य सम्बंधित विभागों द्वारा बाढ़ की स्थिति में किए जाने वाले कार्यो की तैयारी पर भी चर्चा की गई।इस अवसर पर जगाधरी के एसडीएम सुशील कुमार, बिलासपुर के एसडीएम जसपाल सिंह गिल, रादौर के एसडीएम सुरेन्द्र पाल सिंह,जिला राजस्व अधिकारी रामफल कटारिया, डीडीपीओ शंकर लाल गोयल, उपकृषि निदेशक जसविन्द्र सिंह, विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता प्रवीण कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।