नई दिल्ली। अलका लांबा ‘आप’ पार्टी की बागी विधायक रहीं हैं। उन्होंने पहले ही ‘आप’ छोड़ने का एलान कर दिया था। मंगलवार को वह कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलीं। उनकी कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 जनपथ पर हुई मुलाकात को लांबा के पार्टी ज्वाइन करने से जोड़ा कर देखा जा रहा है। हालांकि अलका लांबा ने अपनी राजनीतिक पारी कांग्रेस के साथ ही शुरू की थी। वह जब कांग्रेस में थीं तो कई मौकों पर राहुल गांधी के लिए आवाज उठाते हुए देखा गया था। बाद में उन्होंने आम आदमी पार्टी ज्वाइन कर ली और चांदनी चौक से विधायक रहीं। लांबा अपने सोशल मीडिया अकांउट से दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद करती रहीं हैं। अलका लांबा और ‘आप’ प्रमुख केजरीवाल के बीच दूरियां आने का मुख्य कारण रहा दिल्ली सरकार की ओर से सदन में राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिए जाने का प्रस्ताव लाना। इसके खिलाफ अलका ने आवाज बुलंद की थी और केजरीवाल की खिलाफत की थी। तब से ही वह आप विधायकों के निशाने पर हैं और केजरीवाल ने तो ट्विटर पर उन्हें अनफॉलो भी कर दिया है जिसके बारे में उन्होंने खुद अपने ट्विटर पर जानकारी दी थी।
लांबा ने ट्वीट किया- ‘श्रीमती सोनिया गांधी कांग्रेस की अध्यक्ष ही नहीं यूपीए की चेयरपर्सन भी हैं और सेकुलर विचारधारा की एक बहुत बड़ी नेता भी। देश के मौजूदा हालात पर उनसे लंबे समय से चर्चा Due थी।आज मौक़ा मिला तो हर मुद्दे पर खुल कर बात हुई। राजनीति में ये विमर्श का दौर चलता रहता है और चलते रहना चाहिए।’