Alka Lamba: कांग्रेस नेत्री के बयान पर कांग्रेस और आप में तकरार, विपक्षी गठबंधन पर उठे सवाल

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Alka Lamba
कांग्रेस नेत्री अलका लांबा

Aaj Samaj (आज समाज), Alka Lamba, नई दिल्ली: कांग्रेस नेत्री अलका लांबा के दिल्ली में पार्टी के अकेले सातों सीटों पर चुनाव लड़ने के बयान पर आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस में सियासी घमासान मच गया है। दिल्ली को लेकर कांग्रेस की इसी बुधवार को बैठक हुई और उसके बाद अलका लांबा ने पार्टी के दिल्ली की सभी सातों सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया था। इसके बाद विपक्षी गठबंधन के भविष्य को लेकर भी बहस छिड़ गई। हालांकि कांग्रेस ने लांबा के बयान को निजी बताकर पल्ला झाड़ लिया। वहीं आप ने कहा, पार्टी कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व का रुख देखकर आगे का फैसला करेगी।

  • कांग्रेस ने अलका के बयान को निजी बताया
  • कांग्रेस नेतृत्व का रुख देख करेंगे फैसला : आप
  • सीट बंटबारे तक ऐसी बातें होती रहेंगी : कांग्रेस

आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़

आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ ने कहा, अगर कांगे्रस दिल्ली में अकेले चुनाव लड़ेगी तो आप का क्या फायदा। अलका के बयान के बाद सवाल यह भी उठ रहा है कि आप दिल्ली कांग्रेस क्यों एक भी सीट नहीं देना चाहती? इसके पीछे का सियासी गणित क्या है?

दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज

दिल्ली सरकार में मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जब तक विपक्षी गठबंधन के सभी घटक दल, इन दलों के शीर्ष नेता साथ बैठकर सीट बंटवारे पर चर्चा नहीं करेंगे तब तक ऐसी बातें आती रहेंगी। शीर्ष नेताओं की चर्चा के बाद ही ये पता चलेगा कि किस पार्टी को कौन सी सीट मिल रही है। लांबा के बयान पार्टी कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा कि दिल्ली में गठबंधन का क्या स्वरूप होगा और यह कैसे काम करेगा, यह तय करना पार्टी आलाकमान और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का काम है।

कांग्रेस-आप के गठबंधन का पेच केवल सीट बंटवारे का नहीं

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि दिल्ली में कांग्रेस और आप के गठबंधन का पेच केवल सीट बंटवारे का नहीं, एक-दूसरे की सियासत का आधार बचाने और खिसकाने के संघर्ष का भी है। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन को आधार बनाकर दिल्ली कांग्रेस के नेता सभी सात सीटों पर दावेदारी कर रहे हैं।

अलका लांबा के बयान पर एक पत्रकार ने कहा कि कांग्रेस की कोशिश कम से कम उतनी सीटों पर लड़ने की है जिन पर वो पिछले चुनाव में दूसरे स्थान पर रही थी। आप दिल्ली में कांग्रेस को उतनी सीटें देने के लिए तैयार होगी, मुश्किल लगता है। आप की कोशिश भी विधानसभा चुनाव और एमसीडी इलेक्शन में दमदार प्रदर्शन को आधार बनाकर अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने की है।

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