एमएमयू गाड़ी टीम द्वारा जिले के ईट भट्ठों पर रह रहे बच्चों को खिलाएगी एल्बेंडाजोल गोली: सीएमओ

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धीरज चाहर, झज्जर:

पेट के कीड़े मारने के लिए एल्बेंडाजोल गोली का खाना बहुत जरूरी है, बिना गोली खाए कोई भी बच्चा नहीं रहेगा ईट भट्ठा व मजदूरी कर रहे लेबर के बच्चों को भी खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल गोली। एल्बेंडाजोल गोली हर 6 महीने में एक बार खिलाई जाती है यानी कि साल में दो बार एल्बेंडाजोल गोली खाने से पेट में पैदा होने वाले कीड़े मर जाते हैं। बच्चे अक्सर बाहर का खाना ज्यादा पसंद करते हैं। जिससे पेट में कीड़े पनप जाते हैं। उन को मारने के लिए एल्बेंडाजोल गोली खाना बहुत ही आवश्यक है । जिससे बच्चों का स्वास्थ्य स्वस्थ रहें और बच्चों को आगे बढ़ने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना आए। ये शब्द सिविल सर्जन डॉक्टर संजय दहिया ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत दूसरे दिन एमएमयू गाड़ी को हरी झंडी दिखाते हुए कहे।

राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम नोडल अधिकारी उप सिविल सर्जन डॉ मनोज कुमार सैनी व जिला अर्श काउंसलर संदीप कुमार जांगड़ा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दूसरे दिन मजदूरी कर रहे लेबर के बच्चों के लिए ईट भट्ठों पर काम कर रहे परिवार में बच्चों को पेट के कीड़े मारने की एल्बेंडाजोल गोली खिलाने के लिए सिविल सर्जन डॉक्टर संजय दहिया ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया ताकि जिले में ईट भट्ठों पर रहने वाले बच्चों को गोली खिलाई जा सके ताकि जिले में कोई भी बच्चा बिना गोली खाए ना रहे। एल्बेंडाजोल गोली खाने से कोई दुष्प्रभाव नहीं पड़ता बल्कि स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने में बहुत ज्यादा कारगर है।

आशा वर्कर को सौंपा गया है एल्बेंडाजोल गोली खिलाने का कार्य

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत 1 साल से 19 साल तक के लड़के व लड़कियों को व 20 साल से 24 साल तक लाभार्थी महिलाओं को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। एल्बेंडाजोल गोली खिलाने का कार्य आशा वर्कर एएनएम आंगनवाड़ी वर्कर द्वारा घर घर जाकर खिलाई जा रही है ताकि कोई बच्चा रह ना जाए कोई बच्चा रह जाता है तो विभाग द्वारा 19 सितंबर से 22 सितंबर तक मॉप अप दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत अभियान के दौरान खिला दी जाएगी। इस मौके पर उप सिविल सर्जन डॉक्टर विकास चौधरी, उप सिविल सर्जन डॉक्टर सरिता गोरी, उप अधीक्षक नागरिक स्थल बहादुरगढ़ डॉक्टर संदीप गुलिया व आदि मौजूद रहे ।