Akshay Tritiya, आज समाज डिजिटल: हिंदू पंचांग के मुताबिक, अक्षय तृतीया हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर मनाई जाती है और इस बार यह तिथि 30 अप्रैल को है। इस दिन किया गया दान पुण्य बहुत लाभकारी होता है। खासकर अक्षय तृतीया वाले दिन को पितरों को खुश करने के लिए बेहद शुभ माना गया है। इस दिन कुछ चीजों का दान करने से अवश्य शुभ फल मिलता है।

बिना मुहूर्त कर सकते हैं कोई भी शुभ काम

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया को अबूझ मुहूर्त भी कहते हैं। इसका मतलब यह है कि इस दिन बिना मुहूर्त कोई भी शुभ काम किया जा सकता है। शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि अक्षय तृतीया पर किए गए कार्यों का फल कभी समाप्त नहीं होता। यहां हम आपको बता रहे हैं कि अक्षय तृतीया पर पितरों को खुश करने के लिए क्या चीज दान करनी चाहिए। अक्षय तृतीया की शुरुआत कब हुई और क्या वजह है कि इस दिन को बेहद फलदायी माना जाता है।

ये चीजें करने से मिलता है पितरों का आशीर्वाद

अक्षय तृतीया वाले दिन आप सफेद चीजों जैसे चावल, दही, चीनी व सफेद कपड़े आदि का दान कर सकते हैं। ये सारी वस्तुएं पवित्रता, शांति व सौम्यता की प्रतीक हैं। ऐसी वस्तुओं का अगर श्रद्धापूर्वक दान किया जाए है, तो इससे पितरों का आशीर्वाद मिलता है और जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं।

ये चीजों डालकर करें मीठी चीज और कलश का दान

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक है अक्षय तृतीया के दिन गुड़, शक्कर व ताजे फल का दान करना चाहिए। इससे आपकी भावनाएं व पितरों का आशीर्वाद और गहरा हो जाता है, इसलिए अक्षय तृतीया पर किसी मीठी चीज का दान करें। इस दिन आप पीतल, मिट्टी अथवा तांबे का कलश भी दान कर सकते हैं। उसमें ठंडा पानी भरें, गुड़, तुलसी व चंदन की कुछ बूंदें भी डालें और किसी जरूरतमंद को दान कर दें। मान्तया है कि ये चीजें तपती आत्माओं के लिए राहत, श्रद्धा व शांति का संदेश भी देती है।

जरूरतमंद को छाते व चप्पल का दान

अक्षय तृतीया पर छाता व चप्पल भी दान की जा सकती है। जब कोई व्यक्ति धूप में तपती जमीन पर नंगे पांव चलता है तो उसके पैर जलते हैं। ऐसे जरूरतमंद के लिए एक जोड़ी चप्पल अथवा एक छाता अगर दान किया जाए तो इससे शुभ फल मिलता है।

जानें कितना अहम है सात अनाजा का दान

अक्षय तृतीया पर आप सात अनाजा (सात अनाज मिलाकर) भी दान कर सकते हैं। आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को चना, सत्तू, जौ, गेहूं, मूंग, चावल और मक्का आदि का दान कर सकते हैं। यह सबसे बड़े दान में से एक माना जाता है। इससे पितृ दोष से भी छुटकारा मिलता है और जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है।

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