Swayambhu Hanuman Temple Panipat : स्वयंभू हनुमान जी के मंदिर में रामनवमी से चल रहे 24 घंटे, 365 दिन 7 ब्राह्मण करा रहे अखंड रामायण पाठ

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मंदिर सप्ताह के सातों दिन 24 घंटाें 365 दिन अखंड रामायण पाठ चल रहे है।
मंदिर सप्ताह के सातों दिन 24 घंटाें 365 दिन अखंड रामायण पाठ चल रहे है।
  • ज्योतिषाचार्य देव नारायण उपाध्याय सानिध्य में एक बार लगातार 14 साल हो चुके पाठ

Aaj Samaj (आज समाज), Swayambhu Hanuman Temple Panipat,पानीपत:  बाजार में स्थित स्वयंभू हनुमान मंदिर में रामनवमी यानी 17 अप्रैल से लेकर अखंड रामायण पाठ चल रहे है। मंदिर सप्ताह के सातों दिन 24 घंटाें 365 दिन अखंड रामायण पाठ चल रहे है। पानीपत ब्राह्मण परिवार के अध्यक्ष ज्योतिषाचार्य देव नारायण उपाध्याय सानिध्य में ये पाठ 7 ब्राह्मण करा रहे हैं। इसमें पंडित राजकुमार शास्त्री, गया शास्त्री, पंडित इंद्र राज, हरि मोहन गौतम, पंडित दिलीप मिश्रा, पंडित सुरजीत द्विवेदी, पंडित शिव पूजन मिश्रा शामिल है। पंडित देव नारायण ने बताया कि इस पाठ को कराने का समाजसेवी विकास गोयल और उन्होंने मिलकर संकल्प लिया था। अब यह कितने साल चलेगा उन्हें भी नहीं पता।

उन्होंने बताया कि कोई भी व्यक्ति अपने जन्मदिन, सालगिरह आदि मौके पर रामायण पाठ मंदिर में करा सकता है। उन्होंने मंदिर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि यह प्रदेश का पहला स्वयंभू मंदिर है। मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहां हर शनिवार को भक्ताें काे प्रसाद के रूप में मीठा पान मिलता है। यह मंदिर पूर्वायन काॅलाेनी में स्थित है। इस काॅलाेनी का नाम इसलिए पड़ा था क्योंकि यहां पुराने जमाने में टीले के ऐसे मुहाने थी, जिसमें सूर्य देव की पहली किरण पानीपत पर पड़ती थी। किला पर सेना ठहरती थी, सैनिक देवी मंदिर के साथ-साथ यहां भी नतमस्तक होते थे। मंदिर के कार्यक्रमाें में मंदिर के प्रधान रमेश बंसल, संजय शाल वाले, विकास गोयल, राकेश बंसल, हरीश बंसल के साथ-साथ अन्य समाजसेवियों का सहयोग भी रहता है।

इसी मंदिर में स्थापित हनुमान जी ही करते है शहर का भ्रमण

श्री हनुमान जन्मोत्सव समिति के सदस्य विकास गाेयल, हरीश बंसल व राकेश बंसल ने बताया कि इस मंदिर आने वाले भक्तों को हर शनिवार मीठा पान प्रसाद के रूप में दिया जाता है। जाे पान भक्ताें काे प्रसाद स्वरूप दिए जाते हैं, उन्हें यहां आने वाले भक्त ही अर्पित करके मन्नते मांगते हैं। यह सिलसिला अनंत काल से जारी है। इसी मंदिर में स्थापित हनुमान जी ही हनुमान जन्मोत्सव के मौके पर रथ पर सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकलते हैं और भक्ताें काे दर्शन देते हैं।

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