Air Quality Management Commission : पर्यावरण की समीक्षा को लेकर डीसी ने ली अधिकारियों की बैठक

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अधिकारियों की बैठक लेती उपायुक्त मोनिका गुप्ता।
अधिकारियों की बैठक लेती उपायुक्त मोनिका गुप्ता।
  • वायु गुणवत्ता प्रबंधन कमिशन के आदेशों को लागू कराएं अधिकारी : उपायुक्त मोनिका गुप्ता
  • एक अक्टूबर से दोहरी ईंधन किट या ईसीडी का रेट्रो-फिटमेंट वाले जनरेटर सेट ही चलए जा सकेंगे

Aaj Samaj (आज समाज), Air Quality Management Commission, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
वायु गुणवत्ता बरकरार रखने के लिए हरियाणा के एनसीआर जिलों में डीजी सेट के उपयोग के लिए वायु गुणवत्ता प्रबंधन कमिशन ने नए नियम जारी किए हैं। यह नियम सभी पर लागू होंगे। अधिकारी इन नियमों को लागू करना सुनिश्चित करें। यह निर्देश उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने आज पर्यावरण की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में दिए।

डीसी ने बताया कि 1 अक्टूबर से दोहरी ईंधन किट या ईसीडी का रेट्रो-फिटमेंट वाले जनरेटर सेट ही चलाए जा सकेंगे। यह कार्य इसी माह तक पूरा होना चाहिए। ऐसा न होने पर किसी भी परिस्थिति में कोई भी जनरेटर सेट नहीं चलाया जा सकेगा।

उन्होंने बताया कि इससे पहले ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) के तहत प्रतिबंध की अवधि के दौरान आवश्यक सेवाओं (बिना किसी उत्सर्जन नियंत्रण और प्रदूषण निवारण उपायों के भी) के लिए डीजी सेट की अनुमति दी गई थी। ऐसे में अब अस्पतालों, आवासीय/कार्यालय परिसरों, वाणिज्यिक संस्थाओं आदि को भी दोहरी ईंधन किट या ईसीडी का रेट्रो-फिटमेंट वाले जनरेटर सेट लगवाने होंगे।

19 केवी क्षमता से नीचे के जनरेटर सेट को रहेगी छूट

उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने बताया कि नए नियमों के तहत बिजली उत्पादन सेट एलपीजी, बायोगैस, प्रोपेन, बुटेन व प्राकृतिक गैस पर चलने वाली सभी क्षमता के जनरेटर सेट पर जीआरएपी की अवधि के दौरान भी कोई प्रतिबंध नहीं है। पोर्टेबल डीजी सेट 19 किलोवाट से कम को भी प्रतिबंध से बाहर रखा गया है।

उन्होंने बताया कि 19 किलोवाट से 125 किलोवाट से कम दोहरे ईंधन मोड (प्राकृतिक गैस और अवधि के अलावा अन्य अवधि डीजल) करवाना होगा। इस तकनीक को अपनाने के बाद कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन ग्रैप के दौरान अधिकतम 2 घंटे तक चलने की अनुमति दी जाएगी।

इसी तरह 125 किलोवाट से 800 से कम दोहरे ईंधन मोड पर कोई प्रतिबंध नहीं (यहां तक ​​कि जीआरएपी के तहत किलोवाट और रेट्रो-फिट अवधि के दौरान भी) प्रमाणित विक्रेताओं / एजेंसियों के माध्यम से ईसीडीएस। इसके अलावा 800 किलोवाट और उससे अधिक दोहरी ईंधन मोड उत्सर्जन नियंत्रण जीआरएपी के अलावा अन्य अवधि के दौरान कोई या कोई प्रतिबंध नहीं। जीआरएपी के दौरान सिस्टम को अधिकतम 2 घंटे तक चलाने की अनुमति दी जाएगी।

इस बैठक में एसडीएम मनोज कुमार व आरओ पॉल्यूशन कृष्ण कुमार के अलावा के अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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