संसद के दोनों सदनों से पारित होने के बाद शनिवार देर रात राष्ट्रपति ने दे दी थी अपनी मंजूरी
Wakf Bill (आज समाज), नई दिल्ली : संसद के बाद राष्टÑपति की मंजूरी मिलने के बाद यूनिफाइड वक्फ मैनेजमेंट एंपावरमेंट, एफिशिएंसी एंड डेवलपमेंट विधेयक (उम्मीद) 2025 कानून बन गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस विधेयक को शनिवार देर रात अपनी मंजूरी दे दी। एक तरफ जहां यह कानून अब देश भर में लागू हो गया है वहीं इसका विरोध भी देखा जा रहा है। देश भर के कई मुस्लिम संगठनों ने इसका विरोध करने का निर्णय किया है। हालांकि भारत सरकार इसे मुस्लिम संगठनों को जल्दबाजी में उठाया हुआ कदम बता रही है वहीं मुस्लिम संगठन इसे इस्लाम के विरुद्ध बता रहे हैं।
एआईएमपीएलबी ने किया विरोध का फैसला
आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने इसका विरोध किया है। एआईएमपीएलबी ने कहा है कि वह सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय करके वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करेगा। एआईएमपीएलबी का कहना है कि उनका यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक कि कानून पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाता। आॅल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) ने कहा कि कुछ दलों द्वारा भाजपा के सांप्रदायिक एजेंडे को दिए गए समर्थन ने उनके तथाकथित धर्मनिरपेक्ष मुखौटे को पूरी तरह से उजागर कर दिया है।
इस कानून को निरस्त कराकर ही लेंगे दम
एक बयान में एआईएमपीएलबी ने इस बात पर जोर दिया कि वह सभी धार्मिक, समुदाय-आधारित और सामाजिक संगठनों के साथ समन्वय करके इन संशोधनों के खिलाफ एक राष्ट्रव्यापी आंदोलन का नेतृत्व करेगा और यह अभियान तब तक जारी रहेगा जब तक कि संशोधन पूरी तरह से निरस्त नहीं हो जाते। बोर्ड ने मुस्लिम समुदाय को आश्वस्त किया कि उन्हें हताश या निराश होने की कोई आवश्यकता नहीं है। एआईएमपीएलबी ने कहा कि नेतृत्व इस मामले में किसी भी बलिदान से पीछे नहीं हटेगा और देश में न्याय चाहने वाली सभी ताकतों के साथ मिलकर इसके खिलाफ संवैधानिक ढांचे के भीतर एक मजबूत आंदोलन शुरू करेगा।
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