AIGF On Illegal Gaming: विदेशी अवैध सट्टेबाजी व जुए से जुड़ी इकाइयां सरकार को पहुंचा रही करोड़ोें का नुकसान

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AIGF On Illegal Gaming
विदेशी अवैध सट्टेबाजी व जुए से जुड़ी इकाइयां सरकार को पहुंचा रही करोड़ोें का नुकसान।

Aaj Samaj (आज समाज), AIGF On Illegal Gaming , नई दिल्ली: विदेशी अवैध सट्टेबाजी और जुए से जुड़ी इकाइयां सरकारी खजाने को हर साल 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 21 हजार करोड़ रुपए) का नुकसान पहुंचा रही हैं। गेमिंग उद्योग निकाय आल इंडिया गेमिंग फेडरेशन (एआईजीएफ) ने यह बात कही है। संगठन ने सरकार से ऐसे मंचों पर अंकुश लगाने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की है।

झांसे में आकर आम आदमी भी गंवा रहा पैसा

एआईजीएफ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रोलैंड लैंडर्स ने कहा कि इसका असर न केवल सरकारी खजाने पर पड़ रहा है, बल्कि आम आदमी भी इन प्लेटफॉर्म के झांसे में आकर अपना पैसा गंवा रहा है। उन्होंने कहा कि कि विदेशी संस्थाएं अवैध सट्टेबाजी और जुए से विभिन्न खेलों को जोड़ती हैं, जिससे उपयोगकर्ता वैध तथा अवैध गेमिंग के बीच अंतर नहीं कर पाते। अवैध विदेशी इकाइयां उपयोगकर्ताओं को नुकसान पहुंचाती हैं और इससे भारत में वैध उद्योग को भी नुकसान पहुंच सकता है।

एक साल में एकत्र कर रहे करीब 1 लाख करोड़ की राशि

रोलैंड लैंडर्स ने कहा, विदेशी अवैध सट्टेबाजी तथा जुआ मंच एक साल में 12 अरब अमेरिकी डॉलर (करीब 1 लाख करोड़ रुपए) की राशि एकत्र कर रहे हैं, जिसका मतलब है कि सरकार को जीएसटी राजस्व में कम से कम 2.5 अरब अमेरिकी डॉलर का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि विदेशी संस्थाओं ने उपयोगकर्ताओं को लुभाने के लिए मौजूदा आईपीएल सीजन के दौरान विज्ञापनों में वृद्धि की है। कुछ इतनी हिम्मत दिखा रहे हैं कि उनके मंच पर कोई जीएसटी या टीडीएस नहीं लगने का बेबाकी से प्रचार कर रहे हैं।

विदेशी इकाइयां अक्सर पहुंचाती हैं नुकसान

रोलैंड  लैंडर्स ने कहा, विदेशी इकाइयां अक्सर उपयोगकर्ताओं को नुकसान पहुंचाती हैं और उपयोगकर्ता अवैध तथा वैध गेम के बीच भ्रमित हो जाते हैं। अवैध विदेशी सट्टेबाजी और जुआ मंच के खतरे पर कठोरता से अंकुश लगाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अवैध मंचों के खतरे को रोकने में मदद के लिए सरकार को स्व-नियामक संगठन (एसआरओ) जैसे मॉडल में तेजी लानी चाहिए।

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