- ससुराल से 15 लाख रुपए वापस मांगने पर हुआ विवाद
- इंजीनियर अतुल सुभाष ने जज पर भी उठाए सवाल उठाए
- विशेषज्ञों ने की दहेज कानून के दुरुपयोग की आलोचना
AI Engineer Atul Subhash, (आज समाज), बेंगलुरु: अपनी सास और पत्नी की प्रताड़ना से एक इंजीनियर इतना तंग आ गया कि उसके पास अपनी मौत के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। घटना कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु की है। बिहार के समस्तीपुर जिले के वैनी पूसा रोड निवासी एआई इंजीनियर अतुल सुभाष (Engineer Atul Subhash) बेंगलुरु में जॉब करते थे और उनका ससुराल उत्तर प्रदेश के जौनपुर में है। घटना को लेकर विशेषज्ञों ने दहेज कानून के दुरुपयोग की आलोचना की है। उन्होंने कहा है कि महिला सुरक्षा कानून को हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।
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सोमवार को खुदकुशी से पहले लिखा 24 पेज का नोट
अतुल सुभाष (34) ने इसी सप्ताह सोमवार को अपने बेंगलुरु स्थित आवास पर आत्महत्या की। मौत को गले लगाने से पहले लिखे 24 पन्नों के सुसाइड नोट में उन्होंने जौनपुर के नगर कोतवाली थाने के रूहट्टा मोहल्ले की रहने अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, उनकी मां, चाचा और भाई पर लगातार उत्पीड़न आरोप लगाया है। भरण-पोषण के नाम पर उन पर लाखों रुपए ऐंठने का आरोप लगाने के साथ ही इंजीनियर ने एक महिला जज पर भी सवाल उठाए हैं।
पढ़िए इंजीनियर अतुल सुभाष का सुसाइड नोट…
अतुल सुभाष ने कहा, मैं आज आत्महत्या करना चाहता हूं, यही सबसे अच्छा विकल्प लगता है। इससे मेरी पत्नी और सास संतुष्ट होंगी और मेरे परिवार और मुझ पर युद्ध छेड़ने के लिए मिलने वाले पैसे रुक जाएंगे। उन्होंने नोट में आरोप लगाया, आत्महत्या से न्यायाधीश का भ्रष्टाचार और मेरे और मेरे बूढ़े माता-पिता व भाई के खिलाफ इस कानूनी व्यवस्था का पागलपन भी उजागर होगा। व्हाइटफील्ड डिवीजन के पुलिस उपायुक्त शिवकुमार के मुताबिक मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन पुलिस ने चार पन्नों के सुसाइड नोट के साथ अतुल सुभाष का शव बरामद किया है।
मैं कानूनी व्यवस्था, मेरी पत्नी, मेरी सास, मेरे साले और मेरी पत्नी के चाचा द्वारा परेशान और जबरन वसूली किए जाने से इनकार करता हूं। मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूं कि जब तक मैं कड़ी मेहनत करता रहूंगा और मूल्यों का निर्माण करता रहूंगा, तब तक मुझे और मेरे परिवार को जबरन वसूली का सामना करना पड़ेगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरी योग्यता का इस्तेमाल मेरे खिलाफ किया जाएगा। जितना ज्यादा मैं पैसा कमाऊंगा, उतना ज्यादा मैं लडूंगा और भ्रष्ट कानूनी व्यवस्था और मेरे उत्पीड़कों को पुरस्कृत किया जाता रहेगा।
उन्होंने कहा, मुझे यह सुनिश्चित करने में कुछ महीने लग गए कि मैं अपने परिवार के प्रति अपनी लंबित जिम्मेदारियों को पूरा करूं और अपने काम की प्रतिबद्धताएँ पूरी करूं आदि। इसके अलावा बहुत सारे सरकारी दफ़्तर के काम भी थे, जिसकी वजह से आत्महत्या में देरी हुई। मुझे उम्मीद है कि यह देरी मेरे खिलाफ नहीं जाएगी और मुझे और मेरे परिवार को परेशान करने वालों और जबरन वसूली करने वालों की मदद नहीं करेगी।
बीएनएस की धाराओं के तहत मामला दर्ज
सुभाष के परिवार की शिकायत के आधार पर, बेंगलुरु सिटी पुलिस ने उसकी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और उसकी पत्नी के चाचा सुशील सिंघानिया, जिनका नाम सुभाष ने आत्महत्या के लिए स्पष्ट रूप से उकसाने, उत्पीड़न, जबरन वसूली के लिए लिया है, के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और 3(5) (संयुक्त दायित्व) के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा, जांचकर्ता आरोपी व्यक्तियों को तलब करने की प्रक्रिया में हैं, क्योंकि अपराध गैर-जमानती है।
पत्नी से मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए मिला था सुभाष
अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में दावा किया है कि वह अपनी पत्नी निकिता से मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए मिला था। उन्होंने 2019 में शादी की थी। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि दो साल बाद, निकिता ने मई 2021 में उनके और उनके परिवार के बीच वित्तीय विवाद के बाद बेंगलुरु में अपना घर छोड़ दिया। सुभाष ने आरोप लगाया कि यह विवाद इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने अपने ससुराल वालों से 15 लाख रुपए वापस मांगे थे।
उन्होंने यह पैसा व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ट्रांसफर किया था, लेकिन सुभाष ने आरोप लगाया कि परिवार ने इसका इस्तेमाल 1 करोड़ रुपये का घर खरीदने में किया। सुसाइड नोट में आगे कहा गया है कि हालांकि उनके ससुराल वालों ने उनके द्वारा दिए गए 15 लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन वे उनसे घर के लिए 50 लाख रुपये मांग रहे थे – जिसे उन्होंने अस्वीकार कर दिया – जिसके बाद निकिता उनके घर से चली गई।
पत्नी व सास अक्सर बनाती थी पैसे देने के लिए दबाव
अतुल सुभाष ने सुसाइड नोट में लिखा, मेरी सास के बेंगलुरु में मेरे घर आने के बाद मेरी पत्नी और सास द्वारा मुझ पर और पैसे देने के लिए दबाव डालना एक आम बात हो गई थी। अतिरिक्त मांगों में मेरे साले द्वारा क्लाउड किचन के विचार में निवेश करना और उसे यहां मेरे घर पर रखना शामिल था, जिसके लिए मैं सहमत नहीं था। अतुल के मुताबिक सुसराल वालों ने मुझ पर जौनपुर में जमीन खरीदने का दबाव बनाया, जिसे मैंने मना कर दिया। उन्होंने मुझ पर 30 लाख रुपए के बदले उनकी विवादित संपत्ति लेने का भी दबाव बनाया, जिसे मैंने मना कर दिया।
पहला मामला हत्या, अप्राकृतिक यौन संबंध, दहेज आदि का
सुसाइड नोट के मुताबिक, सुभाष के खिलाफ पहला मामला 2022 में हत्या, अप्राकृतिक यौन संबंध, दहेज और आपराधिक धमकी से संबंधित धाराओं के तहत दर्ज किया गया था। बाद में इस मामले को वापस लेने के बावजूद, सुभाष ने आरोप लगाया कि इसी तरह की धाराओं के तहत एक और मामला अभी भी उनके खिलाफ लंबित है।
2 लाख प्रति माह भरण-पोषण मांगा
2022 में दर्ज दूसरे मामले में, पत्नी निकता ने उससे 2 लाख रुपए प्रति माह भरण-पोषण मांगा। पिछले साल, उसने कथित तौर पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की, जिसमें उसके खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 498 ए (महिलाओं के खिलाफ उनके पति या उनके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता) और 125 (पत्नी, बच्चों और माता-पिता के भरण-पोषण का आदेश) के तहत दायर मामले की जल्द सुनवाई की मांग की गई।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में दायर एक अन्य याचिका में सीआरपीसी की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए अधिक धनराशि मांगी गई। सुभाष ने लिखा, मैंने पिछले 3 वर्षों में अदालत में कई आवेदन दायर करने और अपनी पत्नी से गुहार लगाने के बावजूद अपने बच्चे को नहीं देखा और न ही उससे बात की है। सीआरपीसी 125 की अपनी याचिका में, मेरी पत्नी ने मेरे 2 साल के बेटे और खुद के भरण-पोषण के लिए 2 लाख रुपए प्रति माह की मांग की है, जबकि वह एक अच्छी तरह से शिक्षित कामकाजी महिला है और अच्छा पैसा कमाती है।
मां व पत्नी समझौते के लिए मांग रहे थे 1 करोड़
अतुल के मुताबिक उनकी पत्नी, उसकी मां और सुशील सिंघानिया ने केस सेटल करने के लिए पहले 1 करोड़ रुपए मांगे थे। बाद में उन्होंने इसे बढ़ाकर 3 करोड़ रुपए कर दिया। अतुल ने कहा, जब 3 करोड़ की डिमांड के बारे में उन्होंने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज को बताया तो उन्होंने भी पत्नी का साथ दिया।
जज ने कहा, केस सेटल करने के 5 लाख रुपए लूंगी : अतुल
अतुल सुभाष ने कहा कि मैंने जज को बताया कि एनसीआरबी की रिपोर्ट कहती है कि देश में कई पुरुष झूठे मामलों के कारण खुदकुशी करने पर मजबूर हो रहे हैं, तो पत्नी ने बीच में कहा, तुम भी खुदकुशी क्यों नहीं कर लेते। इस बात पर महिला जज हंस पड़ी। उन्होंने कहा कि ये मामले झूठे ही होते हैं। जज ने कहा, तुम परिवार के बारे में सोचो और मामले को सेटल करो। अतुल सुभाष के मुताबिक जज ने यह भी कहा, मैं समझौते के बदले 5 लाख रुपए लूंगी।
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