सुमन, तोशाम :
गांव बुशान में कपास की खराब फसल का निरीक्षण करने के लिए सोमवार को तोशाम खंड कृषि अधिकारी डा. संजय मक्कड़ व कृषि विकास अधिकारी डाक्टर राजेंद्र बिशनोई की टीम ने खेतों का निरीक्षण किया और किसानों को उचित सलाह दी। निरीक्षण के दौरान कृषि अधिकारियों ने पाया कि समय पर उचित वर्षा होने के कारण कपास की फसल की बढ़वार ठीक हुई है। निरीक्षण के दौरान हरा तेला, सफेद मक्खी व रस चूसक कीट नाम मात्र एवं आर्थिक कगार से नीचे देखने में आए। अधिकारियों ने किसानों को सलाह दी कि कपास के खेतों का सप्ताह में दो बार प्रति एकड़ पौधों के निरीक्षण करें तथा हरा तेला, रस चूसने वाला कीट व सफेद मच्छर देखने में आए तो किसानों को प्रति एकड़ टफगोर 350 एमएल तथा एक लीटर नीम की दवाई का प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करना चाहिए। उन्होंने बताया कि कपास में जड़ गलन रोग आया हुआ है उसको नियंत्रण के लिए बावीस्टीन 2.5 ग्राम दवाई प्रति लीटर पानी में डालकर कपास के पौधों की जड़ों में डालें। जो पौधे खराब हैं, उनमें तथा उनके आस पास के पौधों में मोटा फव्वारा करके दवाई डालनी चाहिए और दवाई जड़ तक जानी चाहिए। कपास के पौधों को मजबूत एवं स्वस्थ बनाने के लिए एनपीके 20:20:20 या 2 किलो यूरिया के साथ 500 ग्राम जिंक सल्फेट 21 प्रतिशत प्रति एकड़ 150 लीटर पानी के साथ स्प्रे करें। अनावश्यक रूप से महंगी एवं तेज कीटनाशकों के स्प्रे से बचना चाहिए। इससे वातावरण के मित्र कीट मर जाते हैं। कई कीटनाशक आपस में मिलाकर स्प्रे न करें। केवल सिफारिश की गई कीटनाशक की मात्रा का ही प्रयोग करें। इस मौके पर किसान रमेश आॅडिटर, प्रदीप कुमार, विक्रम, नरेंद्र, नरेश, नसीब आदि मौजूद थे।
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