- डीएपी की जगह एसएसपी का करें इस्तेमाल
- एसएसपी पैदावार के साथ-साथ गुणवत्ता को भी सुधारता है
Aaj Samaj (आज समाज), Agriculture Department, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने जिले के किसानों से आह्वान किया है कि वह सरसों की बिजाई के दौरान डीएपी के स्थान पर एसएसपी का इस्तेमाल करें। इस संबंध में कृषि विभाग के अधिकारी लगातार किसानों को जानकारी दे रहे हैं सभी किसान कृषि विभाग की सिफारिश पर अमल करें।
डीसी ने बताया कि किसान सरसों की अच्छी गुणवत्ता व पैदावार के लिए बिजाई के समय डीएपी की बजाय प्रति एकड़ 75 किलोग्राम एसएसपी, 35 किलोग्राम यूरिया, 14 किलोग्राम पोटाश एमओपी तथा 10 किलो जिंक सल्फेट की बिजाई करें। इसके अलावा किसान एक बैग एनपीके 12:32:16, दो बैग जिप्सम, 15 से 20 किलो यूरिया तथा 10 किलो जिंक सल्फेट प्रति एकड़ मिलाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए कृषि विभाग के उपनिदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह ने बताया कि सरसों की बिजाई के समय आमतौर पर किसान प्रति एकड़ 50 किलो यानी एक बैग डीएपी की बिजाई करता है जबकि यह मात्रा ज्यादा होने के बावजूद भी फसल की जरूरत के अनुसार पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं कर पाती है। ऐसे में किसान डीएपी की जगह एसएसपी यानी सिंगल सुपर फास्फेट का इस्तेमाल करें। यह फास्फोरस के साथ-साथ सल्फर की भी पूर्ति करता है। उन्होंने बताया कि एसएसपी न केवल फसल की पैदावार बढ़ता है बल्कि गुणवत्ता को भी सुधारता है।
किसान बीज उपचार करके ही बिजाई करें
कृषि विभाग के सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह ने बताया कि आमतौर पर किसान सरसों के बीज को जैसा खरीदा वैसा ही बीज देते हैं। उन्होंने बताया कि बीज उपचार न करने के कारण सरसों में तना गलन रोग की शिकायत होने का अंदेशा रहता है। इसलिए किसान बिजाई से पहले बविसटीन 2 ग्राम प्रति किलो बीज में मिलाकर ही बिजाई करें।