Agriculture Department : बाजरे की फसल में मिल रही कीड़े की शिकायत पर कृषि विभाग की टीम ने किया विभिन्न गांवों का निरीक्षण

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बाजरे की फसल का निरीक्षण करती कृषि विभाग की टीम।
बाजरे की फसल का निरीक्षण करती कृषि विभाग की टीम।
  • बाजरे की फसल पर हैलीकोवरपा आर्मीगैरा के लारवा का आक्रमण – डॉ. जयलाल
  • इसकी रोकथाम के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5एसजीऐट व स्पिनोस्ड (ट्रेसर) 45एसजीऐट का करें छिड़काव

Aaj Samaj (आज समाज), Agriculture Department, नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़:
जिला में बाजरे की फसल में मिल रही सुंडीनुमा कीड़े की शिकायत पर आज कृषि तथा किसान कल्याण विभाग के अधिकारियों ने विभिन्न गांव का निरीक्षण किया।

सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी नारनौल डॉ. मनमीत यादव, सहायक पौधा सरंक्षण अधिकारी नारनौल डॉ. हरपाल सिंह, खंड कृषि अधिकारी अटेली डॉ. रजनीश, खंड कृषि अधिकारी नांगल चौधरी डॉ. हरीश यादव, कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ से वरिष्ठ कीट वैज्ञानिक डॉ. जयलाल व डॉ. राजपाल की संयुक्त टीम ने खंड अटेली के गांव चंदपुरा गणियार, फतेहपुर, तिगरा व भौडी, खंड नांगल चौधरी के गांव नांगल कालिया, नांगल नुनिया व मौसमपुर गांव में खेतों का निरीक्षण किया।

मुख्य कीट वैज्ञानिक डॉ. जयलाल ने बताया कि बाजरा फसल के सीटटे पर सुंडी कीट का आक्रमण आया हुआ है। यह कीट हैलीकोवरपा आर्मीगैरा के लारवा का आक्रमण है। इनकी संख्या बाजरे के सिटटे पर एक-दो से लेकर पांच-सात तक है जो बाजरे के दाने को खा रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसके लारवे छह स्टेज में नुकसान पहुंचाते हैं और सभी स्टेज का लारवा बाजरे की फसल में देखने को मिला। इससे बाजरे की फसल में नुकसान होने की संभावना बन रही है और सीटटे पर केट का आक्रमण फसल की पैदावार को कम कर सकता है।

उन्होंने बताया कि यह एक बहुभक्षी कीट है जोकि बाजरे की अगेती बिजाई के कारण इस बार बाजरे पर आक्रमण कर रहा है इसकी विभिन्न अवस्था है जिसमें से लारवा ही फसल को नुकसान पहुंचा रही है। सही समय पर बिजाई किए गए बाजरे पर इसका आक्रमण नहीं पाया गया।

कीट वैज्ञानिक डॉ. जयलाल ने इसकी रोकथाम के लिए इमामेक्टिन बेंजोएट 5एसजीऐट 100 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ या स्पिनोस्ड (ट्रेसर) 45एसजीऐट 75एमएल प्रति एकड़ 200 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।

सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डॉ. हरपाल यादव ने बताया कि फसल की लंबाई अधिक होने के कारण उपरोक्त दवाई का छिड़काव करते समय किसानों को बहुत सावधानी बरतनी होगी। उन्होंने किसानों से एहतियात बरतते हुए स्प्रे करने की सिफारिश की। स्प्रे करते समय मुंह, आंख, हाथ, सब ढक कर रखें व स्प्रे वायु की दिशा के विपरीत ना करें। उन्होंने बताया कि किसानों को सही मात्रा में दवाई का प्रयोग करना है वह किसी भी तरह की और दूसरी दवाई आपस में ना मिलाएं।

इस मौके पर खंड कृषि अधिकारी डॉ. रजनीश कुमार ने कहा कि दवा का यदि सही से छिड़काव करें तो कीट का नियंत्रण किया जा सकता है।

इस अवसर पर कृषि विभाग अटेली से डॉ. देवेंद्र एडीओ, डॉ. वीर कुमार एडीओ, डॉ. सुधीर यादव, डॉ. रविंद्र यादव, डॉ. सोनिया मौजूद थे।

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