पानीपत। जिले के किसानों को धान की सीधी बुआई तकनीक के माध्यम से जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाएगा। यही नहीं, किसानों को प्री-मानसून तक ही धान की बिजाई करने के प्रति जागरूक किया जाएगा। इसका मुख्य उददेश्य भू-जल स्तर को नीचे जाने से रोकना है। इसी को लेकर शुक्रवार को लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित कृषि तथा किसान कल्याण विभाग की बैठक में विस्तृत चर्चा की गई। जिसकी अध्यक्षता एसडीएम समालखा अश्वनी मलिक ने की। बैठक में एसडीएम पानीपत विरेन्द्र ढुल, जिला परिषद केे अतिरिक्त सीईओ रविन्द्र मलिक के अलावा कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक आदित्य डबास व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। बैठक में कुछ प्रगतिशील किसानों ने भी भाग लिया।
जिला को मिला 6 हजार एकड़ का लक्ष्य
एसडीएम समालखा अश्वनी मलिक ने कहा कि जिला पानीपत में गिरते भू जल स्तर के दृष्टिगत किसान किसी भी बिजाई के लिए पानीपत जिला को 6 हजार एकड़ का क्षेत्र निर्धारित किया गया है। यही नहीं, किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए इस योजना के द्वारा 4 हजार रूपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि भी दिए जाने का प्रावधान रखा गया है। उन्होंने बताया कि पानीपत, समालखा, बापौली व मडलौडा में धान की सीधी बिजाई के लिए 1300 एकड़ और इसराना के लिए 800 एकड़ भूमि का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को इसके लिए प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। जिला में 30 किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
पानी की बचत करने के लिए इस योजना का लाभ उठाएं
उन्होंने लोगों से अपील की कि गिरते भूजल को बचाने के लिए मशीनों द्वारा धान की सीधी बिजाई अपने खेतों में करवाएं तथा पानी की बचत करने के लिए इस योजना का लाभ उठाएं। बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक आदित्य डबास ने बताया कि पानीपत जिला में धान की सीधी बिजाई के लिए 30 मशीनों का लक्ष्य भी लिया गया है। उन्होंने बताया कि धान की सीधी बुआई करने से 40 प्रतिशत पानी कम लगता है। उन्होंने बताया कि इसके लिए किसानों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टे्रशन करवाना होाग। यह पोर्टल चालू कर दिया गया है। धान की सीधी बिजाई के डीएसआर पोर्टल को उक्त पोर्टल से लिंक किया गया है।