- अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023
- दैनिक भोजन में मोटे अनाज को करें शामिल : डॉ. अभय सिंह यादव
Aaj Samaj (आज समाज), Agriculture and Farmers Welfare Department, नीरज कौशिक, नारनौल :
कृषि एवं किसान कल्याण विभाग की ओर से आज गांव हसनपुर में उप कृषि निदेशक डॉ. देवेंद्र सिंह की अध्यक्षता में अंतरराष्ट्रीय पोषक अनाज वर्ष 2023 के उपलक्ष में किसान मेले का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर नांगल चौधरी विधायक डॉ. अभय सिंह यादव व विशिष्ट अतिथि के तौर पर जिला प्रमुख डॉ. राकेश कुमार ने शिरकत की।
विधायक डॉ. अभय सिंह यादव ने किसानों को अपने दैनिक भोजन में मोटे अनाज को शामिल करने के लिए आह्वान किया तथा नैनों यूरिया खाद का ज्यादा से ज्यादा इस्तमाल करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कृषि तथा किसान कल्याण विभाग द्वारा दी जा रही नैनों यूरिया खाद पर अनुदान की योजना की सराहना की तथा जिले को आवंटित नैनों यूरिया खाद के छिड़काव के 4 हजार एकड़ लक्ष्य को जल्दी पुरा करने के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि डॉ. राकेश कुमार ने किसानों को परम्परागत खेती छोड़कर फसल विविधिकरण के लिए प्रेरित किया। उन्होंने बताया कि जैविक खेती या प्राकृतिक खेती ही आने वाला भविष्य है तथा किसानों को जल्द से जल्द इसको अपनाना चाहिए।
उप मंडल कृषि अधिकारी डॉ. मनमीत यादव ने मेलें में आए किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने किसानों को जागरूक करते हुए कहा कि जिन भी किसानों की ई-केवाईसी, आधार सीडिंग, भूमि सत्यापन नहीं हुआ है तो उनकी सरकार द्वारा डाली जाने वाली अगली किस्त से वंचित रहेंगे। कार्यक्रम में मंच संचालन डॉ. सुमित यादव ने किया। उन्होंने विभाग की ओर से चल रही विभिन्न योजनाओं के बारे में किसानों को विस्तार से बताया तथा नैनों यूरिया खाद पर अनुदान तथा छिड़काव के लिए विभाग की वेबसाइट एग्री हरियाणा डॉट जीओवी डॉट इन पर पंजीकरण करने के लिए जागरूक किया।
कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ से वरिष्ठ संयोजक डॉ. रमेश कुमार ने पौषक अनाज की महत्वता के बारे में बताया तथा गेहूं के आटे में हानिकारक प्रोटीन मात्रा के बारे में भी किसानों को जागरूक किया। मशरूम की खेती तथा मधूमक्खी पालन के लिए कृषि विज्ञान केन्द्र महेंद्रगढ़ द्वारा दी जा रही विभिन्न प्रशिक्षणों के बारे में जानकारी दी।
कृषि विज्ञान केंद्र से पौधा रोग वैज्ञानिक डॉ. नरेन्द्र सिंह गेहूं, सरसों व चने में विभिन्न रोगों तथा उसके निदान के बारे में विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरसों में कुछ जगहों पर सफेद रतुआ रोग देखा गया है जिसके उपचार के लिए किसान भाई मैनकोजेब (एम-45) 500 ग्राम प्रति 200 लीटर पानी प्रति एकड़ के हिसाब से छिड़काव करें। डॉ. आशीष ने किसानों को प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती जीवाणुओं की खेती है तथा गाय के गोबर तथा गो मूत्र से जीवामृत, घनजीवामृत, नीमास्त्र का घोल बनाकर यह खेती की जा सकती है। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती पर अनुदान के बारे में भी किसानों को जानकारी दी।
जिला उद्यान अधिकारी डॉ. प्रेम कुमार ने मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी तथा उन्होंने बताया की बाग लगाने पर सरकार द्वारा 43,000 रुपए प्रति एकड़ तीन वर्ष में अनुदान दिया जाता है। उन्होंने बताया की बागवानी विभाग की सभी स्कीमों के लिए एचओआरटी नेट पोर्टल पर पंजीकरण करवाएं तथा बागवानी विभाग की किसी भी योजना में शामिल होने के लिए मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण आवश्यक है।
इस मौके पर अग्रणी बैंक प्रबंधक विजय सिंह ने प्रधानमंत्री सुरक्षा योजना जिसका सालाना प्रीमियम 20 रुपए है तथा आयु 18 से 70 वर्ष जिसमें दुर्घटना में मृत्यु होने पर क्लेम राशि 2 लाख रुपए दी जाती है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना जिसका सालाना प्रिमियम 436 रुपए है जिसमें आयु 18 से 50 वर्ष है जिसमें किसी भी तरह की मृत्यु होने पर क्लेम राशि 2 लाख रुपए है।
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग से राहुल यादव ने प्रधानमंत्री खाद्य प्रसंस्करण सुक्ष्म उन्नयन योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इसके तहत अनुदानिय ऋण 35 प्रतिशत और अधिक्तम 10 लाख रुपए है। इसके तहत किसान कोई भी उद्योग जिसमें पैक्ड खाद पदार्थ जैसे अचार, नमकीन, ब्रेड, बिस्कीट आदि की उद्योग इकाई स्थापित कर सकता है।
राम सिंह बरवाला ने कृषि यन्त्रों पर चल रही योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार 29 यन्त्रों पर अनुदान दे रही है जिसका पंजीकरण विभागीय वेबसाइट पर करना आवश्यक है। गुण नियन्त्रण अधिकारी संजय यादव ने गोबर गैस प्लान्ट पर भारत सरकार द्वारा दिए जा रहे अनुदान के बारे में किसानों को जागरूक किया।
सहायक पौधा संरक्षण अधिकारी डा. हरपाल सिंह ने प्रधानमंत्री मृदा स्वास्थ्य कार्ड़ योजना के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किसानों को खाद की सिफारिश मृदा स्वास्थ्य कार्ड के अनुसार करनी चाहिए।
उप कृषि निदेशक देवेन्द्र सिंह ने इस विशाल किसान मेले में आए का धन्यवाद किया।
कार्यक्रम के अंत में प्रशनोत्तरी का अयोजन किया गया तथा 10 किसानों को सब्जियों के बीज तथा गेहूं में खरपतवार नियन्त्रण की दवाई ईनाम के रूप में दी गई।
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