- डीसी ने प्रगतिशील किसानों के कार्य को सराहा
- ऑर्गेनिक फार्मिंग व उन्नत खेती पर रहा फोकस
- किसान प्रशिक्षण शिविर, किसानों के दौरे, फॉर्म स्कूल तथा किसान वैज्ञानिक गोष्ठियों का प्लान किया तैयार
- गोबर बैंक जैसी योजना पर विचार करें कृषि अधिकारी : उपायुक्त मोनिका गुप्ता
Aaj Samaj (आज समाज),Agricultural Technology Management Agency,नीरज कौशिक, महेंद्रगढ़: किसानों को कृषि प्रौद्योगिकी से जोड़ने तथा उन्नत खेती करने को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने विभिन्न योजनाएं चलाई हैं। कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) भी उनमें से एक अहम योजना है। कृषि तथा इससे जुड़े सभी विभाग जिला में प्रगतिशील किसान तैयार करें ताकि कृषि क्षेत्र में आने वाली चुनौतियों का सामना करते हुए यह व्यवसाय फायदे का सौदा बने। यह बात उपायुक्त मोनिका गुप्ता (आईएएस) ने आज लघु सचिवालय नारनौल में कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (आत्मा) स्कीम की गर्वनिंग बोर्ड की बैठक में कही।
इस बैठक में एक साल में हुए सभी मदों में खर्च का ब्यौरा दिया गया। साथ ही डिस्ट्रिक्ट एक्शन प्लान वर्ष 2023-24 के लिए बजट की डिमांड रखी गई। इस दौरान उपायुक्त ने प्रगतिशील किसानों के साथ बातचीत की तथा उनकी हौसला अफजाई की। इस योजना के तहत किसान प्रशिक्षण शिविर, किसानों के दौरे, फॉर्म स्कूल तथा किसान वैज्ञानिक गोष्टी के अलावा विभिन्न गतिविधियां चलाई जाती हैं।
उपायुक्त ने प्रगतिशील किसानों से आह्वान किया कि वे अन्य किसानों को भी खेती से जुड़े अन्य व्यवसायिक कार्यों के बारे में बताएं। उन्होंने राष्ट्रपति अवार्ड विजेता प्रगतिशील किसान नीतू यादव द्वारा की जा रही ऑर्गेनिक फार्मिंग की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज उन्नत खेती का जमाना है।
डीसी ने अधिकारियों को निर्देश दिए की किसानों को देसी खाद प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। इससे एक तरफ जहां इधर-उधर फेंके गए गोबर की समस्या से निजात मिलेगी वहीं किसान का रासायनिक खाद पर होने वाला खर्च भी काम होगा। कृषि अधिकारी गोबर बैंक जैसी किसी योजना पर विचार करें। इसके लिए गौशाला प्रबंधकों के साथ बातचीत करें।
उपायुक्त ने अधिकारियों को निर्देश जी कि जिला के प्रगतिशील किसानों के संबंध में एक डॉक्यूमेंट्री फिल्म तैयार की जाए ताकि अन्य किसान भी उनसे प्रेरित होकर उन्नत खेती करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरणीय चुनौतियों को देखते हुए हमें किसानों को नई-नई तकनीक के साथ जोड़ना होगा। अब परंपरागत खेती का जमाना नहीं रहा है।
इस बैठक में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉक्टर देवेंद्र सिंह, लीड बैंक मैनेजर विजय सिंह, एसडीओ डॉ. मनमीत तथा विषय विशेषज्ञ डॉ. सतबीर चौहान व डॉ. योगेश चंद्र, प्रगतिशील किसान सुलोचना ढिल्लो, प्रवीण सैनी, सूरजभान तथा वीर सिंह के अलावा अन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
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