Agrawal Vaishya Samaj: देश और प्रदेश में राजनीति की दिशा और दशा तय करेगा स्वाभिमान सम्मेलन : बुआनीवाला

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अग्रवाल वैश्य समाज
अग्रवाल वैश्य समाज
  • जो जितनी अधिक भागीदारी देगा उसे उतना अधिक समर्थन मिलेगा
  • अंबाला में दस मार्च को अग्रवाल वैश्य समाज भरेगा हकों के लिए हुंकार

Aaj Samaj (आज समाज), Agrawal Vaishya Samaj, प्रवीण वालिया, करनाल, 4 मार्च :
प्रदेश और देश में अग्रवाल वैश्य समाज की राजनीतिक दिशा और दिशा तय करने में वैश्य समाज द्वारा अंबाला में दस मार्च को आयोजित स्वाभिमान सम्मेलन महत्वपूर्ण भूमिका आदा करेगा। इस सम्मेलन में हरियाणा ही नहीं देश केे विभिन्न हिस्सों में हजारों अग्रवाल वैश्य समाज के प्रतिनिध भाग ले रहे हैं।

देश में होने वाले लोकसभा चुनावों के साथ आने वाले समय में हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों में वैश्य समाज की सक्रिय भागीदारी पर बात की जाएगी। इस सम्मेलन के योजनाकार तथा अग्रवाल वैश्य समाज को राजनीतिक तौर पर जागरूक करने वाले अग्रवाल वैश्य समाज के सूत्रधार अशोक वुआनीवाला ने इस कार्यक्रम को स्वाभिमान सम्मेलन का नाम दिया हैं। इस सम्मेलन को लेकर पिछले तीन माह से देश भर में श्री बुआनीवाला प्रदेश भर में दौरा कर रहे है। अब तक वह पांच सो से अधिक छोटी बड़ी बैठकें कर चुके हैं। वह लोकसभा से लेकर बूथ स्तर तक जन संपर्क कर चुके हैं।

अग्रवाल वैश्य समाज प्रदेश का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है: बुआनीवाला

इस सम्मेलन से समाज अपनी नीति और रीति तय करेगा। उनका प्रयास है कि इस सम्मेलन के माध्यम से देश के वैश्य समाज को राजनीतिक तौर पर सशक्त बनाना है। पिछले कई दशकों से श्री बुआनीवाला अग्रवाल वैश्य समाज के राजनीतिक हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं। यह सम्मेलन दस मार्च को अंबाला शहर के डीएवी स्कूल ऑडिटोरियम पुंलिस लाइन मेंं आयोजित किया जाएगा। जानकारी देते हुए अशोक बुआनीवाला ने बताया कि राजनीति में भागीदारी के संकल्प के साथ अस्तित्व में आए अग्रवाल वैश्य समाज का गठन 22 नवम्बर 2009 को ऐतिहासिक नगरी पानीपत में हुआ था। अग्रवाल वैश्य समाज प्रदेश का सबसे बड़ा सामाजिक संगठन है जिसका उद्देश्य वैश्य समाज को संगठित कर राजनीति में समुचित भागीदारी करना है।

आज प्रदेशभर में यह संगठन अपनी एक अलग पहचान बनाएं हुए है। अग्रवाल वैश्य समाज अपने मासिक मुखपत्र वैश्य एक्सप्रेस के साथ-साथ वैश्यजनों को जागरूक करने के लिए समय-समय पर प्रदेशभर में अनेक कार्यशालाओं एवं बैठकों का आयोजन करता रहा है। संगठन द्वारा वैश्य समाज के स्वाभिमान को जगाने, अनिवार्य मतदान एवं राजनीतिक भागीदारी के संकल्प के साथ तीन बार नवजागरण सदिश यात्रा का आयोजन किया जा चुका है। प्रथम संदेश यात्रा पानीपत से अग्रोहा, द्वितीय पानीपत से राजपाट नई दिल्ली तथा तृतीय यात्रा पानीपत से आयोजित की गई।

इन यात्राओं में वैश्यजनों के बढ़चढ़ भागीदारी की ओर अग्रवाल वैश्य समाज के संकल्पों को दोहराया। इन यात्राओं, बैठकों एवं कार्यशालाओं के अलावा समाज अपने स्थापना दिवस समारोहों में भी अपनी राजनीतिक भागीदारी को हुंकार भरता रहा है। प्रदेशस्तर पर अग्रवाल वैश्य समाज ने 2 अक्तूबर 2010 को महात्मा गांधी के जन्मदिवस के अवसर पर कुरुक्षेत्र की पावन भूमि पर संकल्प सम्मेलन का आयोजन कर राजनीतिक दलों को अपनी ताकत का अहसास कराते हुए प्रदेश की राजनीति में अपनी भागीदारी का संकल्प लिया। इस संकल्प सम्मेलन में उमड़ी हजारों वैश्यजनों की भीड़ ने राजनीतिज्ञों द्वारा वैश्य समाज के बारें में सोचने के लिए विवश किया। इसके पश्चात 2 अक्तूबर 2012 को कैमल की धरा पर अग्रवाल वैश्य समाज ने संघर्ष सम्मेलन का आयोजन किया और हजारों की संख्या में एकत्रित हुए वैश्य समाज ने राजनीतिक हितों के लिए संघर्ष का ऐलान किया।

इन सबके बीच अग्रवाल वैश्य समाज की महिला इकाई द्वारा 6 मई 2012 को रोहतक शक्ति सम्मेलन तथा युवा इकाई द्वारा 27 अगस्त 2012 को टोहाना में युवा क्रांति सम्मेलन 11 अगस्त 2013 को वैश्य युवा सम्मेलन भिवानी में आयोजित कर अपनी ताकत का अहसास करवाया। इसी कड़ी में महात्मा गांधी जन्मदिवस 2 अक्तूबर 2013 के दिन एक बार फिर समाज ने विधानसभा चुनावों के मद्देनजर करनाल में संग्राम महामहासम्मेलन आयोजन कर प्रदेशभर के वैश्य समाज को एक मंच के नीचे इक्कठा किया और चुनावों में ज्यादा से ज्यादा वैश्वजनों को चुनाव लड़वाने एवं एकजुट होकर वैश्य उम्मीदवार के पक्ष में मतदान कर उसे जीताने का प्रण लिया। इसी कड़ी में अग्रवाल वैश्य समाज ने 16 फरवरी 2014 को बराड़ा की अग्रवाल धर्मशाला में वैश्य महापंचायत का आयोजन किया और विधानसभा चुनाव लड़ते के इच्छुक वैश्य उम्मीदवारों को अपनी दावेदारी प्रस्तुत करने का मौका दिया।

वैश्य महामहापंचायत के पश्चात अग्रवाल वैश्य समाज ने ‘समाज आपके द्वार’ कार्यक्रम आयोजित कर घर-घर जाकर वैश्यजनों को दलगत राजनीति से ऊपर उठते हुए अनिवार्य मतदान, वैश्य उम्मीदवार के पक्ष में मतदान एवं एक ही जगह से एक से अधिक अधिक संख्या में चुनाव लड़ रहे वैश्य प्रत्याशियों को आपसी समन्वय से मजबूत स्थिती वाले वैश्य उम्मीदवार को जीताने के लिए जागृत किया। उन्होंने बताया कि इस सम्मेलन के माध्यम से यह उदघोषित किया जाएगा कि जो अधिक भागीदारी देगा उसे ही समाज का समर्थन मिलेगा।

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