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केंद्र सरकार द्वार सेना में भर्ती को लेकर शुरू की जा रही अग्निपथ योजना ना देशहित में है और ना ही युवाओं के हित में। क्योंकि इस योजना के तहत भर्ती होने वाले 75 प्रतिशत युवाओं का भविष्य अंधकार में चला जाएगा। यह बात आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एडवोकेट योगेश सिहाग ने एक बयान जारी कर कही। बयान में उन्होंने कहा कि आज 18 साल की उम्र से फौज की भर्ती शुरू हो जाती है और 15 साल की नौकरी के बाद जवान पेंशन के साथ रिटायरमेंट आता है। लेकिन अग्निपथ योजना के तहत 17 साल की उम्र में भर्ती हुआ जवान बिना पेंशन के 21 साल की उम्र में रिटायरमेंट आ जाएगा। इसी तरह 21 साल की उम्र में भर्ती हुआ जवान 25 साल की उम्र तक रिटायर हो जाएगा। लेकिन उसके बाद वो क्या करेगा, इसका जवाब सरकार के पास नहीं है।
अग्निपथ जैसी योजना कारगर साबित नहीं होगी
उन्होंने कहा कि 4 साल के लिए सेना में भर्ती जैसी योजनाएं उन देशों के लिए तो सही है जिन देशों का किसी अन्य देश के साथ टकराव नहीं है। या फिर जिस देश की जनसंख्या बहुत कम है और वहां के लोग सेना में भर्ती नहीं होना चाहते। लेकिन भारत जैसे विशाल देश में, जहां पाकिस्तान और चीन जैसे देशों के साथ टकराव की स्थिति बनी रहती है, वहां अग्निपथ जैसी योजना कारगर साबित नहीं होगी। एडवोकेट योगेश सिहाग ने कहा कि इस योजना के खिलाफ पूरे देश और खासकर हरियाणा के युवाओं में बहुत रोष है। क्योंकि हरियाणा के युवाओं में सेना के प्रति सबसे ज्यादा रुझान देखने को मिलता है। लेकिन पिछले 3 साल से सेना की कोई भर्ती नहीं हुई। ऊपर से प्रदेश के युवा पूरे देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी झेल रहे हैं। लेकिन हरियाणा सरकार ने भी युवाओं को रोजगार देने के बजाय उन्हें कौशल निगम जैसी ठेका प्रथा के हवाले कर दिया। उन्होंने कहा कि एक तरफ राज्य सरकार की कौशल निगम और दूसरी तरफ केंद्र की अग्निपथ योजना हरियाणा के युवाओं के लिए तर्कहीन योजना है। भयंकर बेरोजगारी के बीच ऐसी योजनाएं युवाओं के जख्मों पर नमक की तरह काम करती हैं। यही वजह है कि युवा इनके विरोध में सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर हैं। युवाओं को भी अनुशासन और शांतिप्रिय रहना चाहिए। और सरकार को इसपर फौरन पुनर्विचार करना चाहिए।
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